भारतीय पाठकवर्ग भी साहित्य की दुनिया में हुए इस बदलाव से अछूता नहीं रहा। धोती-कुर्ता धारण करने वाले ब्योमकेश बक्शी से लेकर गाजर चबाने वाले करमचंद और हैट पहने सैम डि'सिल्वा तक को भारतीय दर्शकों तथा पाठकों ने खूब सराहा। इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि किसी जासूसी कहानी में भारतीय जासूस के रूप में पहला किरदार अंग्रेज़ लेखक एचआरएफ कीटिंग ने रचा था। यह किरदार था गणेश घोटे का जो बॉम्बे पुलिस विभाग में पुलिस इंस्पेक्टर था। इंस्पेक्टर घोटे 'द परफैक्ट मर्डर' से हाथों-हाथ ख्याति पा चुके थे। यह किरदार इतना प्रसिद्ध हुआ कि नसीरुद्दीन शाह और ज़िया मोहिदि्दन जैसे जाने-माने अभिनेताओं ने परदे पर उनकी भूमिकाएं निभायीं।
गणेश घोटे के अलावा, भारतीय दर्शकों/पाठकों ने सत्यजित रे के काल्पनिक जासूसी पात्र फेलूदा, सुनील गंगोपाध्याय के काकाबाबू, शरदिन्दु बंदोपाध्याय के ब्योमकेश बक्शी और पंकज प्रकाश-अनिल चौधरी के करमचंद जासूस को भी अपने दिलों में जगह दी है। हाल में इस श्रेणी में शामिल किए जाने वाले सबसे प्रसिद्ध किरदार का नाम है डिटेक्टिव बूमराह, जो कहानीकार सुधांशु राय द्वारा रचित एक चतुर और साहसी जासूसी किरदार है|
डिटेक्टिव बूमराह अपनी तेज-तर्रार और पैनी निगाह के अलावा हिम्मती और निडरता जैसी खूबियों के चलते बहुत ही कम समय में लोगों के पसंदीदा जासूसी किरदार बन गए हैं। नए दौर के श्रोताओं की फरमाइशों के मद्देनज़र, डिटेक्टिव बूमराह हर बार यह संदेश दे जाते हैं कि कुछ भी नामुमकिन नहीं है।
इन जासूसी किरदारों की सफलता और लोकप्रियता के पीछे एक और बड़ा कारण है कि इनके रचनाकार किसी भी रहस्य की गुत्थी सुलझाने की प्रक्रिया में इन जासूसों के साथ-साथ पाठकों को भी बराबरी का अवसर देते हैं। ये जासूस एकदम सहज तरीके से हर मामले को सुलझाते हैं।
ऐसे में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि जासूसी कथाएं आज स्टोरीटेलिंग यानी कहानी सुनाने के लिहाज से सबसे ज्यादा पसंद की जाती हैं। माध्यम भले ही उपन्यास हो, मूवी या फिर कोई वेब सीरीज़, एक अच्छा जासूसी किरदार पाठकों/दर्शकों को हमेशा लुभाता है।
क्या आप जानते हैं कि डिटेक्टिव बूमराह कैसे दिखायी देते हैं? इस लोकप्रिय किरदार का पहला लुक जल्द ही आपके सामने आने वाला है।