कास्ट: ऋत्विक भौमिक, श्रेया चौधरी, नसीरूद्दीन शाह, शीबा चड्ढा, राजेश तैलंग, अमित मिस्त्री, कुणाल
रेटिंग: ***1/2
शास्त्रीय संगीत में शब्द ब्रह्म है और स्वर की साधना ही परमेश्वर की साधना है, परन्तु पिछले कुछ समय से लोगों ने भाषा को खत्म करने का काम किया है और संगीत को शोर में बदल कर रख दिया है| हाल ही में एमेज़न प्राइम वीडियो पर रिलीज़ हुई वेब सीरीज़ 'बंदिश बेंडिट्स' का पहला सीज़न रिलीज़ हुआ है जो की शास्त्रीय संगीत और मॉडर्न पॉप म्यूज़िक का फ़र्क लोगों के सामने पेश करता है|
10 एपिसोड की इस सीरीज़ की कहानी की शुरुआत होती है जोधपुर (राजस्थान) के राधे (ऋत्विक भौमिक) के साथ जो अपने दादाजी सम्राट पंडित राधे मोहन रठौड़ (नसीरूद्दीन शाह) से शास्त्रीय गायकी सीख रहा है और दूसरी तरफ है मुंबई में पिता के लाड़-प्यार में बड़ी हुई पॉप गायिका तमन्ना शर्मा (श्रेया चौधरी) | एक म्यूज़िक कंपनी के साथ तमन्ना तीन गानों का कॉन्ट्रेक्ट करती हैं और परन्तु पहले गाने के बाद उसका दूसरा गाना फ्लॉप हो जाता है| जिसके बाद वह जोधपुर आती है जहां उसकी मुलाकात होती है राधे से और धीरे-धीरे दोनों की मुलाकात प्यार में बदल जाती है|
राधे के दादाजी को पॉप संगीत बिलकुल भी पसंद नहीं हिया मगर तमन्ना से अपने लगाव के कारण वह उसके साथ मिल कर संगीत तैयार करने लगता है और धीरे - धीरे प्रसिद्द होने लगता है | इसके बाद सख्त व्यक्तित्व और अनुशासित पं. राधे मोहन राठौड़, पिता के साये में पल रहे उनके बेटों (राजेश तैलंग, अमित मिस्त्री) की लाचारी, हमेशा सबको खिला कर खाने वाली बहू (शीबा चड्ढा) की दर्द भरी जिंदगी और इन सबके बीच राधे-तमन्ना की लुका-छुपी के खेल जैसी प्रेम कहानी 'बंदिश बेंडिट्स' को फिल्मी तमाशों से बिल्कुल अलग बना देती है| आनंद तिवारी की यह वेब सीरिज़ रोमांच से भरपूर होने के कारण दर्शकों को काफी एंटरटेन भी करती है|
अच्छा लेखन होने से निर्देशक आनंद तिवारी का काम काफी आसान हुआ है और उन्होंने बहुत ही सरल तरीके से किरदारों को लोगों के सामने पेश किया है| इस सीरीज़ के डायलॉग काफी लाजवाब है जो लोगों आपको हंसाते भी हैं |
इस फिल्म के द्वारा काफी समय बाद अच्छा गीत-संगीत लोगों को सुनने को मिला है, संगीतकार तिकड़ी शंकर-एहसान-लॉय ने पर्दे के पीछे बहुत अहम भूमिका निभाई है| इसे मिल रहे प्यार का श्रेय संगीत को ही जाता है तथा फिल्म में संगीत का शास्त्रीय पक्ष बहुत खूबसूरती से लोगों के सामने पेश किया गया है जो की तारीफ के काबिल है|
एक्टिंग फ्रंट पर, ऋत्विक भौमिक और श्रेया चौधरी का परिश्रम लोगों को खूब ध्यान आकर्षित कर रहा है, उनके जबरदस्त अभिनय को देखकर दर्शक खुद उनके किरदार में देखने लग जाते हैं| साथ ही नसीरुद्अदीन शाह ने भी उम्दा प्रदर्शन किया है और अतुल कुलकर्णी के किरदार से जुड़ा ट्विस्ट भी दिलचस्प है| सिनेमैटोग्राफर की बात करें तो श्रीराम गणपति ने बड़ी ही खूबसूरती से कहानी को कैमरे में उतारा है और बड़ी ही सहजता के साथ लोगों के सामने पेश किया है|
कुल मिलाकर बंदिश बेंडिट्स एक बढ़िया मनोरंजक कहानी है जिसमें रोमांस और ड्रामे के साथ - साथ संगीत का भी खूबसूरत तड़का लगाया गया है| ये सीरीज़ आपको शुरू से अंत तक बाँध कर रखती है और कहानी में जो ट्विस्ट हैं वो भी दर्शक की उत्सुकता और इंटरेस्ट दोनों ही बना कर रखते हैं| मसाला और थ्रिलर सीरीज़ से कुछ बोर हो गए हैं तो इसे ज़रूर देखिये|