द गॉन गेम रिव्यू: रोमांच व थ्रिल से भरी लॉकडाउन मर्डर मिस्ट्री

Friday, August 21, 2020 18:06 IST
By Santa Banta News Network
कास्ट: संजय कपूर, श्वेता त्रिपाठी, अर्जुन माथुर, श्रिया पिलगाँवकर

निर्देशक: निखिल नागेश भट

रेटिंग: ***

निर्देशक निखिल नागेश भट की हिंदी वेब-सीरीज़ 'द गॉन गेम' दो कारणों से सभी रहस्य रोमांच से भरपूर सीरिज़ से अलग है। चार-एपिसोड की इस वेब सीरिज़ को देखते-देखते आपको एक बार भी याद नही रहेगा कि इसे लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए घर के अंदर शूट किया गया है।

कोरोना महामारी की वजह से सीरीज़ की स्टार कास्ट में कम ही नाम हैं मगर जो हैं उन्होंने जबरदस्त तरीके से अपनी भूमिका निभाई है। इस वेब सीरीज़ को पूरी तरह से घर के अंदर शूट किया गया है जो इसको सभी से अलग और खास बना देता है|

'द गॉन गेम' की कहानी गुजराल परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है जो देश के अलग-अलगशहरों में रहते हैं। सबसे पहले राजीव (संजय कपूर) जी इस परिवार के मुखिया हैं दिल्ली में रहते हैं। उनकी बेटी अमारा (श्वेता त्रिपाठी शर्मा) कर्नाटक के बेंगलुरु में रहती है। वह मुंबई में रहने वाले प्रतीक जिंदल (इंद्रनील सेनगुप्ता) के साथ रिलेशनशिप में है। अलग-अलग घरों में रहने के बावजूद सभी किरदार वीडियो कॉल्स से एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं|

राजीव का बेटा साहिल (अर्जुन माथुर), जो अपनी पत्नी सुहानी (श्रिया पिलगांवकर) के साथ मुंबई में रहता है उसमें COVID-19 लक्षण विकसित होने लगते हैं। आईसीयू में भर्ती कुछ ही दिनों बाद उसे मरा हुआ घोषित कर दिया जाता है| हालांकि एक फोन कॉल अमारा और परिवार के बाकी लोगों को आश्चर्यचकित करता कर देता है इसके द्वारा उनको पता चलता है साहिल अभी भी जीवित है।

सीरिज़ में थ्रिल के बीच में डायरेक्टर निखिल नागेश भट ने हॉरर का तड़का भी जबरदस्त लगाया है| मोबाइल पर बजी घंटी से आप महसूस करते हैं कि मुंबई के जानकी सदन कोविड हॉस्पिटल में मरा साहिल घर में अपनी बीवी और बंगलूरू में अपनी बहन से कुछ कहना चाहता है| इसमें शुरू से लेकर अंत तक सस्पेंस दर्शकों को इसके साथ जोड़े रखता है|

परफॉरमेंस की बात की जाए तो श्रिया पिलगांवकर अपने भावों के माध्यम से एक रहस्यमय महिला का किरदार निभाने में सफल हैं। शुरुआत में इंद्रनील सेनगुप्ता की भूमिका आम दिखती होती है, लेकिन बाद में उनका किरदार आपको बेहद पसंद आएगा। इसी तरह, संजय कपूर, रुखसार रहमान व दिब्येंदु भट्टाचार्य ने भी अपनी भूमिकाएं बखूबी निभाई हैं|

'द गॉन गेम' के बारे में एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि आप यह भूल जाते हैं कि यह लॉकडाउन अवधि में घर अंदर शूट की गई है जिसका श्रेय जाता है इसके स्क्रीनप्ले को। इसमें हर एक सीन एक दूसरे के साथ जुड़ा हुआ है, जो अंत तक दर्शंकों में रोमांच बनाकर रखता है|

हमने इस अवधि की कुछ सीरिज़ और शॉर्ट फिल्मों को घर के अंदर देखा है। लेकिन वे ज्यादातर लैपटॉप या मोबाइल फोन के सामने होने वाले दृश्यों को कैप्चर करते हैं। मगर 'द गॉन गेम' पहले न देखे गए परिदृश्यों को भी चित्रित करता है। कुल मिलाकर यह एक उदाहरण पेश करती है कि कैसे घर के अंदर रहकर भी लोगों का भरपूर मनोरंजन किया जा सकता है| ज़रूर देखें!
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