निर्देशक: सचिन कृष्णा
रेटिंग: ****
प्लेटफार्म: डिज्नी प्लस हॉटस्टार
पिछले साल रिलीज़ हुई डिज़नी प्लस हॉटस्टार की वेब सीरीज़ 'हॉस्टेजेस' को काफी पसंद किया गया था | पहले सीज़न को मिली कामयाबी के बाद इज़राइली वेब सीरीज़ के इस हिंदी रीमेक के निर्माता अब लेकर आये हैं हॉस्टेजेस-2 | जहाँ पिछले सीज़न का निर्देशन सुधीर मिश्र ने किया था वहीँ इस सीज़न में डायरेक्टर की कुर्सी पर बैठे हैं सचिन कृष्णा, तो नए सीज़न के नए निर्देशक हमारे लिए क्या लेकर आये हैं आईये डालें नज़र |
सीजन 2 की कहानी जहाँ सीजन 1 ख़त्म हुआ था वहीँ से शुरू होती है | मुख्यमंत्री खुशवंत लाल हांडा (दलीप ताहिल) दुनिया के लिए मर चुका है मगर असल में जिंदा हैं और उसे लेकर पृथ्वी सिंह (रॉनित रॉय) अब दिल्ली से निकलने की तैयारी में है | पृथ्वी अपनी पत्नी 'सबा' (श्रीस्वरा), साले 'अमम' (आशिम गुलाटी), सबा की केयरटेकर 'सारा जॉर्ज' (फैजेह जलाली) और एक और सहायक 'पीटर जॉर्ज' के साथ दिल्ली से निकलता है | मगर रास्ते में कुछ ऐसा होता है जिसके कारण सभी हाईवे पर एक खाली बिल्डिंग में फंस जाते हैं |
ठाएँ - ठाएँ (गोलियों) की आवाज़ सुन कर कुछ ही देर में पुलिस की भी एंट्री स्क्रीन पर हो जाती है जो की बिल्डिंग को घेर लेते हैं | आतंकियों के बिल्डिंग में छुपे होने की खबर सुन कर मीडिया भी पहुँच जाता है | साथ ही एंट्री होती है एटीएस की एषा खान (दिव्या दत्ता) की जो की बिल्डिंग में छुपे पृथ्वी से बातचीत करके रास्ता निकालने आई है | खेल पलटता है और पिछले सीज़न में लोगों को बंधक बनाने वाले पृथ्वी सिंह इस बार खुद ही बंधक बन जाते हैं | इसके बाद सीरीज़ में जो ट्विस्ट आते हैं और आगे क्या होता वो है हॉस्टेजेस-2 की बाकी कहानी |
सचिन कृष्णा के निर्देशन में बनी 12 एपिसोड की इस सीरीज़ में धीरे - धीरे कई राज़ और परतें खुल कर सामने आती हैं जो दर्शक की दिलचस्पी बना कर रखते हैं | हर किरदार एक बंधक है और हर किसी की कोई न कोई मजबूरी है | रोमांच का जो सिलसिला पहले एपिसोड से शुरू होता है वो अंत तक बना रहता है | हालांकि स्क्रीनप्ले बीच में कई बार कमज़ोर पड़ता दिखता है व खिंचा हुआ लगने लगता है जिसे देख कर ये लगता है की सीरीज़ में 12 की जगह 9 या 10 एपिसोड ही होते तो अच्छा रहता |
एक्टिंग डिपार्टमेंट में रॉनित रॉय एक बार फिर पृथ्वी सिंह के किरदार में हर सीन में अपनी छाप छोड़ते नज़र आते हैं | उनकी अदाकारी प्राकृतीक है और किरदार पर उनकी पकड़ कहीं भी ढीली पड़ती नहीं दिखती | दिव्या दत्ता भी एटीएस अफसर आएशा खान के रूप में उम्दा अदाकारी दिखाती हैं | ये दोनों ही कलाकार अपनी शानदार परफॉरमेंस से शो को ज़्यादातर समय अपने कन्धों पर उठा कर रखते हैं |
डीनो मोरिया एक खतरनाक कातिल के किरदार में दर्शकों का ध्यान खींचने में कामयाब रहते हैं | उनका स्टाइल और कूल पर्सनालिटी उनके किरदार लिए आपके मन में नफरत भी पैदा करती है मगर आपका दिल भी जीत लेती है | शिबानी दांडेकर व श्वेता बासु प्रसाद भी अपने किरदारों को बढ़िया ढंग से निभाया है तथा दिलीप ताहिल, अशीम गुलाटी , श्रीस्वरा और मोहन कपूर ने भी अपने किरदारों में जचे हैं |
वीऍफ़एक्स व सिनेमेटोग्राफी का काम भी उत्तम है साथ ही बैकग्राउंड म्यूजिक भी रोमांच बढाने का काम करता है |
कुल मिलाकर हॉस्टेजेस-2 एक बढ़िया-क्राइम थ्रिलर है जिसके कई रोमांचक ट्विस्ट है | सीरीज़ में रॉनित, रॉय, दिव्या दत्ता जैसे उम्दा कलाकारों की बेहतरीन एक्टिंग कहानी में जान फूकने का काम करती है | स्क्रीनप्ले कुछ धीमा है और सीरीज़ का रनटाइम भी कुछ छोटा हो सकता था मगर मनोरंजन की यहाँ कोई कमी नहीं है | तो सस्पेंस-थ्रिलर सीरीज़ के अगर शौक़ीन हैं तो आपको निराशा नहीं होगी |