निर्देशक: आरती कदव
रेटिंग: ***
प्लेटफार्म: नेटफ्लिक्स
भारतीय सिनेमा और एंटरटेनमेंट जगत में कई तरह एक्सपेरिमेंट करने के बाद नेटफ्लिक्स की लेटेस्ट सीरीज़ कार्गो भारतीय पुराण को आज की तकनीक व कल्पना के साथ पेश करती है | ये साइंस-फिक्शन सीरीज़ हमारे पुराणों को अंतरिक्ष में लेकर जाती है जिससे निर्देशन में कदम रखा है आरती कदव ने | विक्रांत मैसी और श्वेता त्रिपाठी स्टारर कार्गो के निर्माता हैं अनुराग कश्यप, श्लोक शर्मा, और नवीन शेट्टी | इस टीम ने विज्ञान, आत्मा-परमात्मा व जीवन-मृत्यु के बीच एक पुल बना कर हमारे सामने इस सीरीज के ज़रिये रखा है तो आइये देखें कहाँ जाता है ये कार्गो|
फिल्म की कहानी साल 2027 में स्थित है और जीवन - और मृत्यु के बीच घूमती है | यहाँ धरती पर जब इन्सान मरता है तो उसे लेने अब यमराज भैंसे पर बैठ कर नहीं आते हैं बल्कि बल्कि ये काम अब मॉडर्न तरीके से किया जाता है | पृथ्वी पर मनुष्यों और राक्षसों का समझौता हो चुका है और अब अंतरिक्ष में पोस्ट डेथ ट्रांसपोर्टेशन सर्विस चलाई जाती है जहाँ मरने के बाद इंसान एक स्पेसशिप पुष्पक 634A में कार्गो के ज़रिये पहुँचता है | इस शिप पर हर मरने वाले इंसान की मेमोरी रिसेट की जाती है जिसके बाद उसका धरती पर दोबारा जन्म होता है और इस शिप का इंचार्ज है प्रहस्थ (विक्रांत मैसी) जो की एक राक्षस है |
प्रहस्थ इस शिप पर 75 साल से है और अब उसके रिटायर होने का समय आ रहा है | उसकी जगह लेने के लिए प्रहस्थ के ऊपर बैठे बॉस युविश्का शेखर (श्वेता त्रिपाठी) को भेजते हैं | प्रहस्था रिटायर नहीं होना चाहता क्यूंकि उसे अपने काम से लगाव हो चुका है और वह इसमें खुश है | जहाँ प्रहस्थ को ये लगने लगता है की उसकी कहानी ख़त्म होने वाली है वहीं उसकी कहानी शुरू होती है और आगे जो होता है उसके लिए आपको ये सीरीज देखनी पड़ेगी |
निर्देशक आरती कदव ने कार्गो के ज़रिये बॉलीवुड व भारतीय पुराणों को मिला कर एक मॉडर्न हॉलीवुड स्टाइल फिल्म बनायी है जो की एक खूबसूरत कल्पना है | जिन कहानियों को आप सुनते हुए बड़े हुए हैं उन्हें निर्देशक ने कम संसाधनों व बजट होने के बावजूद बड़े ही रोचक ढंग से हमारे सामने पेश किया है | कार्गो की कहानी सरल मगर असरदार है जो आपको एक अलग दुनिया में लेकर चलती है जो की काफी रोचक है जो आपको बाँध कर तो रखती ही है साथ ही आपमें उत्सुकता भी जगाती है |
कार्गो का स्क्रीनप्ले और डायलॉग कई जगह आपको हल्का - हल्का हंसाते भी है | फिल्म की सिनेमेटोग्राफी व वीएफएक्स भी बढ़िया है साथ ही सेट भी ख़ासा ध्यान दे कर तैयार किये गए हैं जो की काफी असली लगते हैं और यहाँ प्रोडक्शन डिजाईन टीम की तारीफ करनी बनती है |
विक्रांत मैसी प्रहस्थ के रूप में सीधे - सादे व सहज दिखे हैं वहीँ श्वेता त्रिपाठी का काम भी सराहनीय है मगर विक्रांत उन पर भारी पड़ते हैं | नंदू माधव के साथ ऋत्विक भौमिक, कोंकोना सेन शर्मा, बिस्वपति सरकार, और रोहन शाह के केमियो भी फिल्म को और मनोरंजक बनाते हैं |
संगीत के डिपार्टमेंट में कार्गो के पास कुछ ख़ास नहीं है और कहानी के हिसाब से यहाँ इसकी कमी महसूस भी नहीं होती |
कुल मिलाकर, कार्गो एक एक खूबसूरत प्रयास है जो रोचक भी है और मनोरंजक भी | कम बजट में भी आरती कदव ने भारतीय पुराणों और विज्ञान को मिलाकर एक आकर्षक मॉडर्न फिल्म बनायी जो हिंदी फिल्मों के हिसाब से श्रेष्ठ है | अगर आपको साइंस-फिक्शन पसंद है तो कार्गो और विक्रांत मैसी - श्वेता त्रिपाठी स्टारर ये सीरीज़ आपको ज़रूर पसंद आएगी |