निर्देशक: पुनीत खन्ना
रेटिंग: **
प्लेटफ़ॉर्म: नेटफ्लिक्स
बीते सालों में बॉलीवुड ने हमें कई ऐसी फ़िल्में दी हैं जो शादी के टॉपिक के इर्द-गिर्द घूमती हैं और ऐसी फ़िल्में आमतौर पर दर्शकों को पसंद भी आ जाती हैं चाहे बात 'तनु वेड्स मनु' की हो या फिर 'सोनू के टीटू की स्वीटी की'| अब इसी हिट फिल्मों की लिस्ट में जगह बनाने आई है नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हुई पुनीत खन्ना की 'गिन्नी वेड्स सनी', तो चलिए देखते हैं फिल्म आखिर जगह बनाती कहाँ हैं, हिट फिल्मों में या फिर फ्लॉप फिल्मों में |
गिन्नी वेड्स सनी की कहानी दिल्ली में स्थित है जहां रहने वाले एक नौजवान सतनाम सेठी उर्फ़ सनी सेठी (विक्रांत मैसी) के माता - पिता उसकी शादी करवाना चाहते हैं, सनी भी शादी करने के लिए काफी उतावला है मगर इसलिए ताकि उसके बाद वह एक रेस्टोरेंट शुरू कर सके |
इसके बाद हमारी मुलाकात होती है गिन्नी जुनेजा (यामी गौतम) एक सामाजिक कार्यकर्ता जो की बादशाह और मीका सिंह की फैन है | गिन्नी के माता - पिता भी चाहते हैं की वह शादी कर ले मगर गिन्नी को अरेंज्ड नहीं लव मैरिज करनी है | गिन्नी का कई सालों से एक बॉयफ्रेंड भी है जिसका नाम है निशांत (सुहैल नय्यर) मगर उसे लेकर गिन्नी ज़रा कंफ्यूज़ है और उससे शादी करनी है या नहीं ये भी फैसला नहीं कर पा रही है |
अब गिन्नी की मां शोभा (आयेशा रज़ा) समाज की एक जानी-मानी वेडिंग प्लानर है जो सारी दुनिया की शादी करा सकती मगर अपनी बेटी की नहीं जो वह बुरी तरह करवाना चाहती है | एक दिन उसकी नज़र पड़ती है सनी पर जिसे वह पसंद आ जाता है और वह सनी के साथ मिलकर ऐसी योजना बनाती है की गिन्नी को सनी से प्यार हो जाए |
मज़े की बात ये है कि गिन्नी, सनी की ड्रीम गर्ल है जिसे वह स्कूल के दिनों से ही पसंद करता आया है मगर उसे ये लगता है की वह उसकी लीग से बाहर है| सनी पूरी कोशिश करता है की वह गिन्नी को इम्प्रेस कर सके और इसका असर गिन्नी पर होने भी लगता है और वह भी सनी को पसंद करने लगती है | लेकिन, कहानी में ट्विस्ट ये है की इसके बाद गिन्नी अपने बॉयफ्रेंड निशांत और सनी में से किसे चुने इस बात को लेकर कंफ्यूज़ हो जाती है| अब इस कंफ्यूज़न के बाद क्या होता है और गिन्नी किस्से शादी करती है ये है फिल्म की बाकी की कहानी |
गिन्नी वेड्स सनी 2020 की सबसे धीमी व फ़ालतू फिल्मों में से एक है जिसका प्लॉट अधूरा है, स्क्रीनप्ले कमज़ोर है, लेखन कुछ ज्यादा ही अतरंगी है और कहानी बेहद प्रेडिक्टेबल है | फिल्म देख कर ऐसा लगता है जैसे कहानी सिर्फ लिखने मात्र के लिए लिख दी गयी है और किरदारों पर काम करने के बारे में किसी ने सोचा ही नहीं | अब अगर न कहानी में दम हो और न किरदार में तो ऐसे में कलाकार अपनी तरफ से जो कर सकते हैं वो करते हैं मगर सब बेकार गया है |
इस फिल्म से निर्देशन में कदम रखने वाले पुनीत खन्ना ने शुरू से अंत तक ये बताया है की ये उनकी पहली फिल्म है जो उनके लिए शायद एक एक्सपेरिमेंट ही था, करना ज़रूरी था, कामयाबी या नाकामयाबी सब ऊपरवाले के हाथ में है | आमतौर पर एक कसा हुआ स्क्रीनप्ले किसी भी फिल्म के लिए अच्छा होता है मगर जिस तरह गिन्नी वेड्स सनी तेज़ी से आगे बढती है दर्शक आगे होने वाली एक - एक चीज़ का पहले ही अंदाज़ा लगा लेते हैं और यकीन मानिए आपका अंदाजा सही भी निकलेगा | रही बात क्लाइमेक्स की तो उसमे क्या होता है वो फिल्म के टाइटल ने आपको पहले ही बता दिया है "गिन्नी वेड्स सनी"|
विक्रांत मैसी और यामी गौतम जैसे कलाकार पहली बार एक साथ नज़र आये हैं तो ऐसे में फैन्स का ये उम्मीद लगाना की शायद कुछ अच्छा देखने को मिलेगा, लाज़मी है| लेकिन फिल्म वहाँ भी निराश करती है, निर्देशक ने दो बेहतरीन कलाकारों के टैलेंट को यहाँ बिलकुल ज़ाया कर दिया है विक्रांत और यामी दोनों के ही पंजाबी किरदारों को इतना ज्यादा पंजाबी दिखाया गया है की वे नकली लगते हैं और उनकी हरकतों पर नहीं बल्कि किरदारों पे हंसी आती है | फिल्म के डायलॉग हास्यास्पद हैं और संगीत की बात की जाए तो ज़बरदस्ती के गाने ठुंसे गए हैं जिन पर गुस्सा भी आता है |
कुल मिलाकर 'गिन्नी वेड्स सनी' कहने के लिए तो एक रोमांटिक-कॉमेडी फिल्म है मगर रोमांस और कॉमेडी के नाम पे फिल्म सिर्फ आपका टाइम वेस्ट करती है | हाँ, सिंगल रहने का एक बहना ढूँढना चाहते हैं तो ये फिल्म आपको वो बहाना ज़रूर दे देती है | इसे अपने रिस्क पर ही देखें!