Durgamati Review: प्यार और बदले की कहानी है भूमि पेड्नेकर की दुर्गामती

Friday, December 11, 2020 16:23 IST
By Santa Banta News Network
कास्ट: भूमि पेड्नेकर, अरशद वारसी, जीशु सेनगुप्ता, माही गिल, करन कपाड़िया

डायरेक्टर: जी अशोक

रेटिंग: ***

प्लेटफॉर्म: अमेज़न प्राइम

बीते कुछ सालों में बॉलीवुड में हॉरर और हॉरर-कॉमेडी फिल्मों का चलन आ गया है और इस राह पर चलते हुए कई निर्माता ऐसी फ़िल्में लेकर आ भी रहे हैं| इसी कड़ी में अगली फिल्म है जी अशोक की हॉरर-थ्रिलर फिल्म "दुर्गामती"| दुर्गामती जी अशोक की ही तेलुगु फिल्म भागमती का हिंदी रीमेक है और फिल्म में मुख्य भूमिका में दिखे हैं भूमि पेड्नेकर और अरशद वारसी जो की पहली बार स्क्रीन-स्पेस शेयर कर रहे हैं| तो आइये देखते हैं की दुर्गामती का ट्रेलर जितना बढ़िया था फिल्म भी उतनी ही बढ़िया है या नहीं|

फिल्म की कहानी शुरू होती एक गाँव में एक दिल दहला देने वाले दृश्य से जहाँ लोगों पर हमले हो रहे हैं मगर ये किसी को समझ नहीं आ रहा है की आखिर ये हमले कर कौन रहा है| ये देख कर आप सोचेंगे की शायद ये कोई आत्मा कर रही है लेकिन आप इस बारे में ज्यादा दिमाग लगा पाएं उससे पहले ही स्क्रीन पर एंट्री हो जाती है इश्वर प्रसाद की (अरशद वारसी|), जो एक बड़े राजनेता हैं और एक प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया को ये यकीन दिला रहे हैं की शहर के पुराने मंदिर से चोरी हुई प्राचीन मूर्तियाँ जल्द ही मिल जाएंगी|


इश्वर सिंह की बढ़ती लोकप्रियता से रूलिंग पार्टी परेशान है और उसकी छवि खराब करने के लिए बुलाया जाता है सीबीआई की जॉइंट डायरेक्टर सताक्षी गांगुली (माहि गिल) को| सताक्षी को ये काम सौंपा जाता है की उसे किसी भी तरह किसी भी मामले में इश्वर सिंह को फंसाना है| सताक्षी इस काम के लिए इश्वर सिंह की पूर्व सेक्रेटरी आईएएस चंचल चौहान (भूमि पेड्नेकर) से पूछताछ करना चाहती है जो की अपने ही पति की हत्या करने के आरोप में जेल में है| ]

ऐसे में मीडिया को खबर न हो जाए इसलिए सताक्षी पूछताछ के लिए चंचल चौहान को एक वीरान पड़ी दुर्गामाती हवेली लेकर जाया जाता है| हवेली में पहुँचते ही चंचल के साथ अजीबोगरीब घटनाएं होनी शुरू हो जाती हैं| अब हवेली में आने के बाद चंचल कैसे दुर्गामती बनती है, आगे उसके साथ होता है और फिल्म की शुरुआत में दिखे गाँववाले दृश्य का इससे क्या सम्बन्ध है, ये जानने के लिए आपको ये फिल्म देखनी पड़ेगी|


2 घंटे 35 मिनट की इस फिल्म में निर्देशक जी अशोक ने हर पहलु को दर्शक को पूरी तरह समझाने की कोशिश की है जिसमें वे करीबन कामयाब भी हुए हैं| करीबन का मतलब है की कुछ दृश्य ऐसे भी हैं जो उलझे से हैं और उन्हें देख कर आप अपना सर खुजाते हुए सोच सकते हैं की "आखिर ये क्या हुआ"| अच्छी बात ये है की फिल्म ओटीटी पर रिलीज़ हुई है, तो ऐसे में आप रिवाइंड कर वो दृश्य फिर देख सकते हैं| अगर आप ये फिल्म दमदार हॉरर एलिमेंट के लिए देखना चाहते हैं तो बता दें की फर्स्ट हाफ में वो आपको ख़ास नहीं मिलेंगे जो की ज्यादा ही खिंचा हुआ है| इसके अलावा जी अशोक ने फिल्म का बढ़िया निर्देशन किया है|

एक्टिंग की बात करें तो भूमि पेड्नेकर फिल्म की जान हैं, किरदारों में फिट बैठने की उनकी क्षमता गज़ब है जिसका यहाँ भी उन्होंने बखूबी प्रदर्शन किया है| उनके हाव-भाव, डायलॉग डिलीवरी और इमोशन्स के हिसाब से किरदार को अपने ढालने की प्रतिभा भी कमाल है| कुल मिलाकर दुर्गामती में भूमि ने एक उच्चस्तरीय परफॉरमेंस दी है|


अरशद वारसी एक ताकतवर राजनेता इश्वर प्रसाद के रूप में असरदार हैं और उनके किरदार से जुड़ा ट्विस्ट भी दिलचस्प है| माहि गिल सीबीआई ऑफिसर सताक्षी के रूप में बढ़िया एक्टिंग करती हैं मगर उनकी बंगाली एक्सेंट अजीब लगती है| करन कपाड़िया को स्क्रीन टाइम बाकियों से कम मिला है मगर कम समय में भी वे अपने किरदार के साथ इन्साफ करने में सफल रहे हैं|

पटकथा यानी स्क्रीनप्ले जो बात निर्देशक कहना चाहता है उसे आप तक पहुंचाने में लगभग कामयाब रहती है| एडिटिंग डिपार्टमेंट यहाँ फिल्म को छोटा कर सकता था क्यूंकि कई दृश्य हैं जिनकी फिल्म में कोई ज़रुरत नहीं थी, वे सिर्फ फिल्म का रनटाइम बढाने के काम आए हैं| हालांकि कहानी के मुख्य टट्विस्ट इस तरह फिट किये गए हैं की वे आपको हैरान करने में सफल रहते हैं| इसके अलावा फिल्म में केवल एक गाना है जो की औसत है मगर बेकग्राउंड म्यूज़िक ने अपना काम बखूबी किया है जो की थ्रिल के स्तर को बना कर रखता है|

अंत में दुर्गामती का क्लाइमेक्स जो ट्विस्ट लेकर आता है वो बढ़िया सरप्राइज़ है जो की आपको सोचने पर मजबूर कर देगा| अब ये ट्विस्ट क्या है ये जानने के लिए अगर आप सस्पेंस-हॉरर-थ्रिलर फिल्मों के शौक़ीन हैं तो आपको दुर्गामती देखनी होगी| हालांकि फिल्म में हॉरर एलिमेंट थोड़ा कम है जिससे आपको निराशा हो सकती है| मगर कहानी में थ्रिल की कमी नहीं है और फैमिली के साथ भी इसे आराम से देख सकते हैं|
'द साबरमती रिपोर्ट' रिव्यू: विक्रांत मैसी की इमोश्नल कहानी पीड़ित परिवारों को समर्पित!

बीते दिन यानि 15 नवंबर को लोकप्रिय ओटीटी प्लेटफार्म ज़ी5 पर विक्रांत मैसी, रिद्धि डोगरा और राशि खन्ना स्टारर बहुप्रतीक्षित फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' को लोगों के सामने प्रस्तुत किया गया है| धीरज सरना

Saturday, November 16, 2024
'फिर आई हसीन दिलरुबा' रिव्यू: एक रोमांच और मजेदार ट्रैंगल से बनी प्रेम कहानी!

दिलरुबा' उस पेचीदा प्रेम ट्रैंगल की एक आकर्षक अगली कड़ी है| जिसे दर्शकों ने पहली बार हसीन दिलरुबा के रूप में देखा था। इस बार

Saturday, August 10, 2024
'उलझ' रिव्यू: मिश्रित योजनाओं के साथ एक कूटनीतिक थ्रिलर भरी कहानी!

खलनायकों के साथ खुद को अलग करती है, जो कहानी को परिभाषित करने वाले रोमांचकारी तत्वों में सीधे गोता लगाती है। फिल्म में प्रतिपक्षी

Friday, August 02, 2024
'सरफिरा' रिव्यू: काफी समय बाद शानदार परफॉर्मेंस से दर्शकों को भावुक करते दिखे अक्षय!

पिछले कई महीनों से बहुत ही बुरा चल रह है| इस साल 11 अप्रैल को रिलीज़ हुई फिल्म 'बड़े मियां छोटे मियां' के बॉक्स ऑफिस प्रदर्शन ने

Friday, July 12, 2024
'मिर्जापुर 3' रिव्यू: पंकज त्रिपाठी और अली फजल का भौकाल भी दर्शकों पर क्यों पड़ा कम!

मिर्जापुर के प्रशंसक आखिरकार राहत की सांस ले सकते हैं! चार साल के लंबे इंतजार के बाद, निर्माताओं ने शो का तीसरा सीजन

Friday, July 05, 2024
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT