कागज़ रिव्यु: सरकारी कागजों पर भारी पड़ा जिंदा पंकज त्रिपाठी का किरदार!

Thursday, January 07, 2021 16:43 IST
By Santa Banta News Network
कास्ट: पंकज त्रिपाठी, सतीश कौशिक, एम.मोनल गुज्जर, मीता वशिष्ठ, अमर उपाध्याय|  

निर्देशक: सतीश कौशिक

रेटिंग: ***1/2

प्लेटफ़ॉर्म: ज़ी 5

हाल ही में सत्य घटना पर आधारित सतीश कौशिक द्वारा निर्देशित फिल्म 'कागज़' को ज़ी 5 पर रिलीज़ कर दिया गया है| सलमान ख़ान निर्मित और सतीश कौशिक द्वारा लिखित यह अनोखी कहानी उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ ज़िले में रहने वाले लाल बिहारी की है जिसको फ़िल्मी पर्दे पर भरत लाल के रूप में पंकज त्रिपाठी पर फिल्माया गया है| 2020 में ओटीटी पर अगर कोई अभिनेता सबसे ज्यादा सफल साबित हुआ है तो वह पंकज ही हैं और उनके साल 2021 की शुरूवात भी काफी शानदार हुई है| ज़ी 5 द्वारा प्रस्तुत 'कागज़' में क्या पंकज अपने आप को जिंदा साबित कर पाते हैं, क्या आपको उनकी यह फिल्म देखनी चाहिये, उससे पहले इसके बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त कर लें|

'कागज' फिल्म की कहानी उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ ज़िले में रहने वाले भरत लाल (पंकज त्रिपाठी) के ईद-गिर्द घुमती नज़र आती है| एक बैंड का मालिक भरत अपने सपने पूरे करने के लिए और अपने परिवार को सुख की जिंदगी देने के लिए कर्जा लेने की कोशिश करने लग जाता है| इसके बाद वो लोन के लिए बैंक में जाता है, वहां पर उसको बताया जाता है कि पैसे लेने के लिए उनको कुछ चीज गिरवी रखनी पड़ेगी तो उसे याद आता है कि गांव में उसकी एक जमीन पड़ी है, उसको गिरवी रख देता हूँ।


परन्तु जब उस जमीन के कागज लेने के लिए वह गांव के लेखपाल के पास जाता है और वहीं से शुरू हो जाती है एक लड़ाई| खुद को जिन्दा साबित करने की लड़ाई, अपने हक की जमीन की वजह से ही भरत लाल को एक सच्चाई का पता चलता है जिसको सुनकर वह हैरान रह जाता है| लेखपाल के पास उसको पता चलता है कि सरकारी कागजों में कई साल पहले ही वह उसके चाचा-चाची द्वारा मृत घोषित कर दिया गया है और यही कागज़ का टुकड़ा उनकी जिंदगी को हिला कर रख देता है|

खुद को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी कागजों से लड़ रहे भरत को वकील साधूराम (सतीश कौशिक) का साथ मिलता है, क्या वह वकील के साथ मिलकर अदालत के सामने खुद के जिंदा होने का सबूत पेश कर पाएगा? इस बात को जाने के लिए आपको आपको ज़ी 5 की फ़िल्म 'कागज़' देखनी होगी|

इस फिल्म में सतीश कौशिक की एक्टिंग की बात करें या उनके निर्देशन की वह दोनों में शानदार और सराहनीय नज़र आए हैं| हर सीन में उनका किरदार आपका खूब मनोरंजन करेगा और निर्देशन तो उनका काबिलेतारीफ रहा है| एफ़आईआर के लिए अपहरण करना हो या फिर हारने के लिए चुनाव लड़ना हो इसके हर सीन आपको याद रहेंगे, इस कहानी को लोगों द्वारा इतना पसंद किया जा रहा है तो इसका सारा श्रेय फिल्म के निर्देशन और लेखन कार्य को जाता है|


2020 में लगातार हिट पे हिट वेब सीरिज़ और फ़िल्में देने वाले पंकज त्रिपाठी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि उनकी एक्टिंग को क्यूँ लोगों द्वारा पसंद किया जाता है| अभिनेता ने जिस गम्भीरता और सटीकता से भरत के किरदार को लोगों के सामने पेश किया है जो वाकई में सराहनीय है| वहीं भरत लाल की पत्नी रुक्मणि के किरदार में एम मोनल गुज्जर भी आकर्षक नज़र आई है उनका किरदार आपको काफी पसंद आएगा| वकील साधुराम के किरदार में सतीश कौशिक भी अपने अभिनय से आपको खूब एंटरटेन करेंगे, फिल्म का हर कलाकार अपने किरदार में शानदार नज़र आया है|

सतीश कौशिक के साथ सलमान खान ने भी फिल्म में अपना योगदान दिया है, इसके अंत में सलमान द्वारा सुनाई गई कविता लोगों को काफी पसंद आएगी| यह एक गंभीर मुद्दे को दर्शाती कहानी है इसलिए इसमें गानों की कोई जरूरत नही थी, जो आपको थोड़े अजीब लग सकते हैं|

कुल मिलाकर कहा जाए तो इस फिल्म की कहानी ने लाल बिहारी के दर्द के साथ ही उन सभी के दर्द को भी दिखाया है जो जिंदा तो हैं लेकिन सरकारी कागजों में उन्हें मृतक घोषित कर दिया गया है| इसलिए ज़ी 5 द्वारा प्रस्तुत इस दिलचस्प स्टोरी को आप जरुर देख सकते हैं|
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