जीत की जिद रिव्यु: देश के लिए मर मिटने वाले सैनिकों के जज्बे को दिखाती है ये जिद!

Saturday, January 23, 2021 11:42 IST
By Santa Banta News Network
कलाकार: अमित साध, अमृता पूरी, सुशांत सिंह, अली गोनी

निर्देशक: विशाल मैंगलोरकर

रेटिंग: ***1/2

प्लेटफ़ॉर्म: ज़ी5

जब कोई सेना की वर्दी पहन लेता है तो वह देश के लिए मर मिटने का जज्बा और जिद रखने लगता है। एक सिपाही अपने परिवार से दूर रह कर पूरी जिंदगी देश की सेवा और सुरक्षा में समर्पित कर देता है। इस समय सीमा पर खड़े हर भारतीय सेना के जवान में आपको यही जज्बा नज़र आ जाएगा|

हाल ही में ज़ी5 पर रिलीज़ की गई वेब सीरिज़ 'जीत की जिद' एक ऐसे ही ज़िदी फौजी अफसर की सच्ची कहानी है जो कि कारगिल युद्ध के बाद अपने पैरों को हमेशा के लिए खो देता है| पूर्व भारतीय आर्मी अफसर मेजर दीप सिंह के शानदार जज्बे और जिद को प्रदर्शित करती इस कहानी को क्या आप देखना चाहेंगे, उससे पहले इसके बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त कर लें|

'जीत की जिद' की कहानी आर्मी अफसर मेजर दीप सिंह (अमित साध) के ईद-गिर्द घूमती नज़र आती है| इसकी शुरुवात ही वर्तमान और अतीत का सफर दिखाती हुई आपको अपने साथ बांध लेती है, साल 1987 से 2010 के बीच मेजर दीप सिंह के जीवन को शानदार तरीके से प्रस्तुत किया गया है। जब बचपन में ही बड़े भाई की मौत हो जाती है तो यह असहनीय गम दीप सिंह को शुरू से ही जिद्दी बना देता है।

यही जज्बा और जिद दीप सिंह को भारतीय सैनिक में ले जाता है, इसके बाद उनकी जिंदगी में अनेक ऐसे पड़ाव आते हैं जहाँ से इन्सान भागने के लिए मजबूर हो जाता है। कारगिल की लड़ाई के बाद वह चलने की शक्ति हमेशा के लिए खो देते हैं, और एक सैनिक के हाथ में बंदूक की जगह बैसाखी आ जाती है।

बस, यही से आर्मी अफसर मेजर दीप सिंह की असली जिद शुरू हो जाती है| अपाहिज होने का अहसास मेजर का होंसला तोड़ने लगता है, परन्तु उसी समय उनकी पत्नी जया सिंह (अमृता पूरी) और उनके ट्रेनर कर्नल रंजीत चौधरी (सुशांत सिंह) उनके जज्बे को और ज्यादा बढ़ा देते हैं, इसके आगे दीप सिंह की जिंदगी में क्या नया मोड़ आता है इसके लिए आपको ज़ी 5 की यह सीरिज़ देखनी होगी।

इसके निर्देशन की बात करें तो विशाल मैंगलोरकर ने सिर्फ केवल 7 एपिसोड में जिस तरीके से आर्मी ट्रेनिंग और युद्ध सीन को लोगों के सामने प्रस्तुत किया गया है वो वाकई में काबिलेतारीफ़ है| हर एपिसोड का अंत आपकी उत्सुकता बढ़ाता चला जाता है जिससे आप इसको अंत तक देखने के लिए मजबूर हो जातें हैं| अरुणाभ जॅाय सेन गुप्ता और आकाश चावला की इस कहानी को बड़े ही सहज और सरल तरीके से दिखाने की कोशिश की गई है। सीरिज़ के स्क्रीनप्ले में मेजर दीप सिंह के बचपन के दर्द से लेकर अपाहिज स्थिति को शानदार तरीके से दिखाया गया है।

हर बार की तरह इस बार भी अमित साध अपने दमदार अभिनय से दर्शकों का ध्यान आकर्षित करते नज़र आए हैं| मेजर दीप सिंह की भूमिका में अमित एकदम घूसे दिखाई दिए हैं। एक सैनिक की कड़ी ट्रेनिंग से लेकर असहनीय पीड़ा तक उन्होंने हर रूप में अपने आप को शनदार तरीके से प्रस्तुत किया है।

उनकी पत्नी की भूमिका में अमृता पूरी भी अपने किरदार के साथ न्याय करती नज़र आई हैं| कर्नल रंजीत चौधरी की भूमिका में सुशांत सिंह का गुस्सा आपको मजेदार लगेगा, वहीं अली गोनी भी दीप सिंह के दोस्त के रूप में कम नज़र आए हैं परन्तु स्क्रीन पर उनका आना आपकी उम्मीदें और बढ़ा देता है।

अंत में यही कहा जा सकता है कि 7 एपिसोड की वेब सीरिज़ 'जीत की जिद' में एक सैनिक के निजी जिंदगी के संघर्षों से लेकर देश के लिए मर मिटने वाले जज्बे को बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत किया गया है है। अमित साध की जानदार एक्टिंग और उनका सेना के प्रति जज्बा आपको निराश नही करेगा, इसलिए आप इस सीरिज़ को जरुर देख सकते हैं|
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