निर्देशक: रिभु दासगुप्ता
रेटिंग: ***
प्लेटफॉर्म: नेटफ्लिक्स
'द गर्ल ऑन द ट्रेन' फिल्म को 2015 में प्रदर्शित हुए पाउला हॉकिन्स के बेस्टसेलर पर आधारित है, जिसको हाल ही में नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ कर दिया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसी नाम की एक हॉलीवुड भी बन चुकी है, जिसको लोगों द्वारा काफी पसंद किया गया था। इसमें आप देखेंगे कि एक मर्डर मिस्ट्री कैसे अंत तक घुमती रहती है, हिंदी वर्जन में इसको थोड़ा अलग बनाने की कोशिश की गई है|
आपके थ्रिल को क्लाईमैक्स तक बनाए रखने के लिए इसमें आपको थोड़ी-थोड़ी देर में ट्विस्ट मिलता रहता है, रिभु दासगुप्ता द्वारा निर्देशित इस कहानी को अगर आप देखने की सोच रहे हैं तो उससे पहले इसके बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर लेते हैं|
इसकी कहानी मीरा कपूर (परिणीति चोपड़ा) के इर्द-गिर्द घुमती है जो लंदन की रहने वाली है। वह एक वकील है, परन्तू शराब की बुरी आदत के कारण वह अपनी जिंदगी से भटकने लग जाती है। इसके बाद एक हादसे में वह अपने बच्चे को खो देती और उनका अपने पति शेखर (अविनाश तिवारी) से ड़ीवोर्स हो जाता है, लेकिन अभी भी वह अपने एक्स पति से प्यार करती है।
दूसरी और शेखर की दूसरी शादी हो जाती है। ट्रेन में सफर करने के दौरान कई बार मीरा की नजरें खिड़की से बाहर एक घर पर पड़ती थी, जहां पर नुसरत (अदिति रॉ हैदरी) और आनंद रह रहे होते हैं, इनको देखकर मीरा को लगता है कि नुसरत की जिंदगी परफेक्ट है। ऐसी ही जिंदगी वो भी जीना चाहती थी, एक दिन नुसरत के लापता और फिर मर्डर होने की खबर मीडिया में आनी शुरू हो जाती है|
इसके बाद मीरा के भी मर्डर होने के समय आस पास होने के सबूत मिलते हैं, लेकिन मीरा को उस दिन की कोई बात याद नहीं रहती, क्योंकि वह एम्नेसिया बीमारी से पीड़ित है। मीरा के लिए यह मर्डर मिस्ट्री एक बहुत बड़ी गुत्थी बन जाती है कि नुसरत का मर्डर किसने और क्यों किया?
पुलिस के शक की सुई बार-बार मीरा की तरफ घूमती दिखाई देती है। धीरे-धीरे मीरा को आभास होने लग जाता है कि यह केस इतना आसान नहीं, जितना दिख रहा है। क्लाईमैक्स तक आते-आते इसके नए-नए ट्विस्ट आपको अंत तक बांधे रखने में कामयाब होते नज़र आते हैं| नुसरत का मर्डर आखिर किसने किया, इस बात को जानने के लिए आपको नेटफ्लिक्स की 'द गर्ल ऑन द ट्रेन' देखनी होगी|
रिभु दासगुप्ता के निर्देशन की बात करें तो किसी किताब पर फिल्म बनाना आसान कार्य नही होता हैं, परन्तु फिर भी निर्देशक ने कोशिश की है। इस की कहानी इतनी दिलचस्प है कि यह किसी को भी पसंद आ सकती है, लेकिन निर्देशक इस 120 मिनट की मर्डर- मिस्ट्री का प्रदर्शन कुछ खास नही कर पाए।
अभिनय की बात करें तो परिणीति चोपड़ा ने तलाकशुदा, अल्कोहलिक और एम्नेसिया से पीड़ित मीरा कपूर की भूमिका बेहतरीन तरीके से निभाई है, वह अपने हर इमोशन में आकर्षक नज़र आई हैं| उनके पति शेखर के किरदार में अविनाश तिवारी की एक्टिंग आपको काफी पसंद आएगी, वह अपने किरदार में घुसे दिखाई दिए हैं। अदिति राव हैदरी और कीर्ति कुल्हारी भी अपने किरदारों के द्वारा दर्शकों का अच्छा मनोरंजन करती नज़र आई हैं, फिल्म का सबसे मजबूत पक्ष इसकी जबरदस्त एक्टिग ही है।
फिल्म की शुरुवात आपको निराश कर सकती है परन्तु इसके बाद यह एकदम से रेस पकड़ लेती है और यह मर्डर मिस्ट्री आपको अंत तक ले जाने में सफल हो जाती है| अगर आप परिणीति चोपड़ा के फैन्स तो इसको जरुर देख सकते हैं, लेकिन अगर अपने पाउला हॉकिन्स को पढ़ रखा है और इसकी हॉलीवुड फिल्म को भी देख रखा तो यह आपको थोडा निराश कर सकती है|