रूही रिव्यू: राजकुमार राव और वरुण शर्मा की शानदार कॉमेडी भी नहीं बचा सकती रूही को!

Thursday, March 11, 2021 13:26 IST
By Santa Banta News Network
कलाकार: जान्हवी कपूर, राजकुमार राव, वरूण शर्मा

निर्देशक: हार्दिक मेहता

रेटिंग: **

आपको कई बार किसी फिल्म का पोस्टर या फिर ट्रेलर देखकर ऐसा जरुर लगा होगा कि इसको किसी भी हालात में देखना है| हार्दिक मेहता के निर्देशन में तैयार राजकुमार राव, वरुण शर्मा और जाह्नवी कपूर स्टारर 'रूही' के ट्रेलर को देख कर फैन्स को भी ऐसा ही महसूस हुआ था| इसकी सबसे बड़ी वजह ये थी कि लोग दिनेश विज़न के बैनर तले बनी फिल्म 'स्त्री' देख चुके थे| अगर आप हॉरर और कॉमेडी प्रोजेक्ट 'रूही' को देखने की सोच रहे हैं तो उससे पहले इसके बारे में अच्छे से महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर लें|

'रूही' की कहानी बागड़पुर नामक जगह में 'पकड़ विवाह', जहां दुल्हन को किडनैप करके शादी की जाती है, से शुरू होती है| गाँव के किसी भी व्यक्ति को इस प्रथा से आपत्ति नहीं है, कई बार लड़की हाँ कर देती है, कई बार उसकी मर्जी नही होती है। बागड़पुर में काफी सालों से चली आ रही यह प्रथा धीरे-धीरे एक धंधा बन जाती है।

इसी धंधे में भंवड़ा सिंह (राजकुमार राव) और कट्टन्नी (वरुण शर्मा) दोनों लड़की उठाने का काम करते हैं। परन्तु उनके इस काम की भनक नोएडा क्राइम ब्रांच को लग जाती है| लेकिन फिर भी यह दोनों अपना बिजनेस शुरू रखते हैं और एक दिन रूही (जाह्नवी कपूर) नाम की लड़की का अपहरण कर लेते हैं| परन्तु कुछ समस्याओं के कारण वह रूही को उस लड़के तक नहीं पहुंचा पाते हैं, जिसके साथ उसकी शादी होनी होती है।


इसके बाद वह अपने बॉस के कहने पर कुछ दिनों के लिए रूही को जंगल में एक कारखाने में लाकर रख लेते हैं। और यहीं से कहानी में एंट्री होती है अफ्ज़ा एक 'उलटे पैर वाली चुड़ैल' की, जो मंडप से लड़कियों को उठाती है| वह चुड़ैल लड़की के शरीर में तब तक रहती है, जब तक उसकी शादी नहीं हो जाती, धीरे-धीरे भवड़ा को रूही से प्यार होने लग जाता है और कट्टन्नी के दिल में अफ्ज़ा के लिए प्यार जागने लगता है।

कहानी में आए इस लव एंगल के कारण इनकी दोस्ती और जान दोनों दांव पर लग जाती है| अफ्ज़ा के जाल में फंसी रूही को क्या भंवड़ा और कट्टन्नी बचा पाएगें? इन सभी के उपर आई इतनी बड़ी मुसीबत क्या खत्म होगी, इस बात को जानने के लिए आपको हार्दिक मेहता की 'रूही' देखनी होगी|


निर्देशन की बात करें तो फिल्म का सबसे कमज़ोर पक्ष ही इसका निर्देशन है| जब फिल्म की शुरुवात उस प्रथा को लेकर होती है तो कुछ समय के लिए आपको लगेगा कि निर्देशक शायद कहानी को भूल चुके हैं| मृगदीप सिंह लांबा और गौतम मेहरा द्वारा लिखी रूही की कहानी भी कुछ खास नही है, फर्स्ट हॉफ के बाद आप उम्मीद करने लगेंगे कि दूसरा हॉफ अच्छा निकल जाए| राजकुमार और वरुण शर्मा हॉरर से लेकर कॉमेडी सीन तक हर सिचुएशन में शानदार नजर आए हैं, इनका अभिनय फिल्म को अंत तक ले जाने का काम करता है|


अभिनय में जान्हवी कपूर रूही और अफ्ज़ा दोनों ही किरदारों में काफी कमजोर नज़र आई हैं। फिल्म की कहानी उनके किरदार के साथ जच नही रही और वह अपने कई संवादों में हाव भाव खोती दिखाई देती हैं| वहीं, राजकुमार राव की बात करें तो वह अपने हर डाइलोग में परफेक्ट नज़र आए हैं, अभिनेता हर सीन में दर्शकों का ध्यान आकर्षित करते दिखाई दिए हैं|

वरुण शर्मा के अभिनय के बारे में तो सभी को पता है, फिल्म के कई दृश्यों में आप देख सकते हैं कि वह राजकुमार राव के किरदार पर हावी होते दिखाई देते हैं| जान्हवी के अलावा सभी कलाकार अपने किरदारों के साथ न्याय करते नज़र आए हैं|

हुज़ेफा लोखंडवाला की बेहतरीन एडिटिंग 'रूही' की टूटी हुई कहानी को बांधने का काम करती दिखाई देती है। वहीं सिनेमेटोग्राफी की बात करें तो इसमें अमलेंदु चौधरी का कार्य आपको बागड़पुर जैसे शहर और घने जंगलों के पास ले जाने का काम करता है| सचिन- जिगर की जोड़ी इसमें अपने शानदार संगीत से लोगों को प्रभावित करती दिखाई देती है, इसके गाने अमिताभ भट्टाचार्य और आईपी सिंह, जिगर ने ही लिखे हैं।

अगर आप काफी समय से सिनेमाघर नही गए हैं और राजकुमार राव, वरुण शर्मा के फैन्स हैं तो 'रूही' जरुर देख सकते हैं। परन्तु यदि आप सोच रहे हैं कि यह आपको 'स्त्री' की तरह शुरू से लेकर अंत तक एंटरटेन करेगी तो आपको थोड़ा निराश होना पड़ सकता है|
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