निर्देशक: संजय गुप्ता
रेटिंग: ***
हाल ही में संजय गुप्ता निर्देशक फिल्म 'मुंबई सागा' को सिनेमाघरों में रिलीज़ कर दिया गया है| इसकी कहानी उस समय की है जब मुंबई को 'बॉम्बे' कहा जाता था, और धीरे-धीरे पूरा शहर बदल रहा था, इसमें अलग-अलग प्रकार की मिल खुल रही थी और बड़ी-बड़ी दुकानें मॉल बनने शुरू हो गए थे| उसी समय अंडरवर्ल्ड के अनेक गैंग भी पनपने शुरू हो गए थे, उन्ही में से एक गैंगस्टर अर्मत्य राव की कहानी को निर्देशक ने लोगों के सामने प्रस्तुत कर दिया है| अगर आप इस एक्शन ड्रामा फिल्म को देखने की सोच रहे हैं तो उससे पहले इसके बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त कर लें|
इसकी कहानी की शुरुवात होती है बॉम्बे के मशहूर गैंगस्टर गायतोंडे (अमोल गुप्ते) से जिसका पुरे शहर पर शासन है| वह आए दिन अपने आदमी भेज कर दुकानदारों से हफ्ता वसूली करवाता था, उसके खिलाफ बोलने वाला कोई नही था| जब उसका जुल्म बढ़ता गया तो एक 12 साल के लड़के अर्जुन (प्रतीक बब्बर) ने अपनी आवाज उठाई| इसके बाद गायतोंडे ने अपने आदमियों को भेज कर उसकी पिटाई करवा देता है।
जब इस बात का अर्जुन के ब़ड़े भाई अर्मत्य राव (जॉन अब्राहम) को पता चला तो वह गुस्से से पागल हो गया| बिना कुछ सोचे समझे अपने भाई का बदला लेने के लिए अंडरवर्ल्ड की दुनिया में आ गया| इस समय उसने गायतोंडे को खत्म करने का लक्ष्य बना लिया था, अपने इस मकसद को पूरा करने में अर्मत्य को मुरली शंकर (सुनील शेट्टी) और ड्रग डीलर नारी खान (गुलशन ग्रोवर) और भाऊ (महेश मांजरेकर) जो कि एक नेता है इन सभी की सहायता मिलती है|
ये सभी मिलकर अर्मत्य को बॉम्बे का एक नया गैंगस्टर बनने में मदद करने लग जाते हैं| इसके बाद कहानी में एंट्री होती है एनाउंटर स्पेशलिस्ट इंस्पेकटर विजय सवांरकर (इमरान हाशमी) के किरदार की, जिसका मकसद अर्मत्य के शासन को खत्म करना है। अब सभी के मन में ये सवाल उठता है कि क्या विजय सवांरकर अर्मत्य, भाऊ और गायतोंडे जैसे बड़े गैंगस्टर को पकड़ पाएगा और अगर पकड़ भी लिया तो क्या इन सभी का राज खत्म हो जाएगी| इस बात को जानने के लिए आपको यह फिल्म सिनेमाघर जाकर देखनी होगी|
इसके निर्देशन की बात करें तो संजय गुप्ता ने 1980-90 की पृष्ठभूमि पर क्राइम ड्रामा दिखाने की पूरी कोशिश की गई है, परन्तु वर्तमान समय के हिसाब से वह फिल्म में कुछ नया नही कर पाए हैं| इसके हर एक द्रश्य को देखकर आपको लगेगा कि ये सब तो मैने पहले भी देख रखा है|
जॉन अब्राहम गैंगस्टर के किरदार अर्मत्य राव में काफी ध्यान आकर्षित करते नज़र आ रहे हैं। कुछ सीन में वह आपको थोड़े कमजोर नज़र आ सकते हैं परन्तु एक्शन सीन्स में उनकी एक्टिंग देखते ही बनती है| इंस्पेकटर विजय सवांरकर के किरदार में इमरान हाशमी भी बेहतरीन प्रदर्शन करते दिख रहे हैं, उन्होंने अपने किरदार के साथ पूरा-पूरा न्याय किया है|
वहीं महेश मांजरेकर और रोहित रॉय भी शानदार एक्टिंग करते दिखे हैं, अर्मत्य राव की पत्नी के किरदार में काजल अग्रवाल के पास ज्यादा कुछ था नही परन्तु जितना था वह उसको एन्जॉय करती दिखी हैं| प्रतीक बब्बर अर्मत्य के भाई के रोल में शानदार दिखाई दिए हैं और सुनील शेट्टी, गुलशन ग्रोवर की बात करें तो इन दोनों का रोल छोटा था परन्तु ये दिग्गज उसको अच्छे से निभाते दिखे हैं| फिल्म के मुख्य गैंगस्टर गायतोंडे (अमोल गुप्ते) अपने अभिनय का प्रदर्शन कुछ खास नही कर पाए, वह अपने किरदार में हर समय थोड़ा कमजोर नज़र आए हैं|
सिनेमेटोग्राफी की बात करें तो शिखर भटनागर इसमें कुछ खास नही कर पाए हैं| आप मुंबई शहर को वर्तमान समय के हिसाब से थोड़ा अलग दिखा सकते थे 'मुंबई सागा' में उन्होंने वही पुरानी पृष्ठभूमि दर्शकों के सामने प्रदर्शित कर दी है| फिल्म की एडिटिंग में बंटी नेगी का काम वाकई में सराहनीय है, ऐसा लगता है कि उन्होंने एडिटिंग के द्वारा कहानी को कमजोर पड़ने से बचा लिया है| रॉबिन भट्ट और संजय गुप्ता द्वारा लिखी गई कहानी आपको पुराने दिनों की याद दिला देगी, इसमें कुछ नया नही किया गया है|
संगीत की बात करें तो होमी दिल्लीवाला और हनी सिंह द्वारा लिखे गाने आपको काफी पसंद आएगें| इनको पायल देव और हनी सिंह ने अपनी आवाज़ दी है 'डंका बजा' और हनी सिंह पर फिल्माया गाना 'शोर मचेगा' गाने लोगों द्वारा काफी पसंद किए जा रहे हैं|
कुल मिलाकर अंत में यही कहा जा सकता है कि यदि आप एक्शन फ़िल्में देखना पसंद करते हैं और जॉन अब्राहम-इमरान हाशमी के फैन्स हैं तो 'मुंबई सागा' आपको निराश नही करेगी| बड़े पर्दे पर दो हीरो को लड़ते हुए देखना आपको काफी पसंद आएगा|