प्लेटफॉर्म: अमेज़न प्राइम वीडियो
निर्देशक: अमित मसुरकर
रेटिंग: ***1/2
हाल ही में विद्या बालन स्टारर 'शेरनी' को अमेज़न प्राइम वीडियो पर लोगों के सामने प्रस्तुत कर दिया है| इसमें पर्यावरण के विषय को बड़ी बारीकी से लोगों को दिखाने की कोशिश की गई है| जंगलों में फैलती क्रंक्रीट से बनी इमारते, जिनकी वजह से वहां रहने वाले जीव-जंतुओं, हरे-भरे वन और पशुओं को संघर्ष का सामना करना पड़ता है|
कैसे जंगल में रहने वाली शेरनी इंसानों का शिकार करने लगती है, इंसान और पर्यावरण एक दुसरे पर निर्भर हो जाते हैं और उनकी जिन्दगी में आगे क्या क्या होता है ये देखना वाकई में दिलचस्प है| एक वन अधिकारी का किरदार निभा रही विद्या विन्सेंट (विद्या बालन) अभिनीत इस फिल्म को क्या देखा जा सकता है, आइये पहले इसके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर लें|
इस फिल्म की कहानी वन अधिकारी विद्या विन्सेंट (विद्या बालन) के इर्द-गिर्द घुमती नज़र आती है, जिनकी कई सालों तक डेस्क के पीछे बैठने के बाद अब जाकर संभागीय बिजशपुर जंगलों में ड्यूटी लगी है। यहाँ आने के बाद हरे- भरे जंगलों में उनका परिचय नए अधिकारियों के साथ होता है, यहाँ आने के बाद उनको एक आदमखोर 'शेरनी' को पकड़ने की महत्वपूर्ण जिम्मेवारी दी जाती है|
बता दें कि इस शेरनी ने गावों में रहने वाले लोगों के दिलों में खौफ पैदा कर रखा है, आस-पास के गावं वालों के पास मवेशियों को चारा खिलाने के लिए यही एक क्षेत्र होता है और यहीं पर शेरनी पशुओं और लोगों को अपना शिकार बना लेती है| अपनी जिम्मेवारी को अच्छे से सम्भाल रही विद्या अपनी टीम और यहाँ के लोगों की सहायता से जंगलों में शांति बनाने की कोशिश करती दिखाई देती है।
वह अपने सभी अधिकारीयों से कहती है कि जंगल की कोई भी शेरनी आदमखोर नहीं होती, वह सिर्फ अपनी भूख को खत्म करने के लिए इंसानों पर हमला करती है| उनकी इस बात को गांव वाले भी समझते हैं कि पर्यावरण को संतुलित रखना कितना जरूरी है| एक बार जंगलों में रहने वाले लोगों को सावधान करते हुए वन विभाग के अधिकारी को छोटा सा बच्चा बोलता है कि जंगल में टाईगर है तभी तो जंगल है, यहाँ जंगल है तभी तो बारिश है, बारिश है तभी तो पानी है और पानी है तभी तो तो इंसान है|"
शेरनी को पकड़ने के इरादे से आई विद्या के रास्ते में गांव की राजनीति, उसके वन विभाग के अधिकारीयों की राजनीति और जंगल के शिकारी रोड़ा बनने लग जाते हैं। वह सब कुछ देख सकती है और खुद को कमजोर नही पड़ने देती, एक जंगल की शेरनी की तरह| क्या यह वन विभाग की शेरनी अपने राश्ते में आई मुश्किलों को खत्म कर पाएगी, इसके लिए आपको अमेज़न प्राइम वीडियो द्वारा प्रस्तुत फिल्म 'शेरनी' देखनी पड़ेगी|
पंकज त्रिपाठी और राजकुमार राव अभिनीत 'न्यूटन' से लोकप्रियता हांसिल कर चुके अमित मसुरकर ने 'शेरनी' का निर्देशन कार्य सम्भाला है। इसकी कहानी का विषय बेहतरीन है और यहाँ लोगों की अपेक्षाएं पर खरी उतरती नज़र आई है| इसमें मनोरंजन की थोड़ी कमी है परन्तु जंगल और इंसानों के बीच का संघर्ष, वन अधिकारीयों की राजनीति और विद्या के किरदार को निर्देशक ने जिस तरीके से लोगों के सामने प्रस्तुत किया है वो ताबिलेतारिफ है| हर सीन को उन्होंने बड़ी चतुराई के साथ स्क्रीन पर दिखाने की कोशिश की है|
अभिनय की बात करें तो फिल्म का सबसे मजबूत पक्ष यही रहा है| वन अधिकारी विद्या विन्सेंट का किरदार निभा रही विद्या बालन अपनी भूमिका में सहज और सटीक नज़र आई है| उनका हर हाव-भाव लोगों का ध्यान आकर्षित करता नज़र आया है| इनके अलावा विजय राज, नीरज काबी, बिजेन्द्र काला, शरत सक्सेना जैसे कलाकार भी अपने किरदारों के साथ न्याय करते दिखे हैं|
निर्देशक ने अपना काम सराहनीय किया है परन्तु कहानीकार आस्था टिकू अपने काम में कमजोर नज़र आए हैं| उनकी पटकथा में आपको मनोरंजन और सस्पेंस की थोड़ी कमी खलेगी| दूसरी और राकेश हरिदास अपनी सिनेमेटोग्राफी के द्वारा लोगों का दिल जीतते नज़र आए हैं| जिस तरीके से उन्होंने जंगल और गांव के मोहक नजारे को कैमरा में कैद करके लोगों के सामने प्रस्तुत किया है, वह वाकई में सराहनीय है| वहीं एडिटिंग में दीपिका कालरा ने भी अपना कार्य अच्छे से निभाया है, फिल्म के हर एक किरदार को उन्होंने आकर्षक अंदाज़ में पेश करने की कोशिश की है|
अंत में यही कहा जा सकता है कि अगर आपको थोड़े बहुत मनोरंजन के साथ शानदार विषय की तलाश है तो विद्या बालन स्टारर फिल्म 'शेरनी को जरुर देख सकते हैं| अमेज़न प्राइम वीडियो द्वारा प्रस्तुत और अमित मसुरकर निर्देशित इसकी बेहतरीन कहानी आपको शुरुवात से लेकर अंत तक अपने साथ बांद कर रखेगी और जरा सा भी बोर नही होने देगी|