निर्देशक: देवांशु सिंह
प्लेटफॉर्म: ज़ी 5
रेटिंग: ***
आज हिंदी फिल्म प्रेमियों के सामने ज़ी 5 ने देवांशु सिंह निर्देशित '14 फेरे' को प्रदर्शित किया है| इसमें एक राजपूत लड़का संजू जो बिहार से होता है वह जाटों की लड़की अदू से प्यार करने लग जाता है| एक दुसरे को समझने के लिए दोनों लिव-इन रिलेशनशिप में रहना शुरू कर देते हैं, ये प्यार के पंछी दिल्ली की एक कंपनी में साथ में काम करते हैं। इनकी जिंदगी में मुसीबतों का पहाड़ तब टूट पड़ता है जब दोनों के घर वाले अंतर्जातीय शादी के लिए न कर देते हैं| अगर आप भी विक्रांत मैसी और कृति खरबंदा की इस रोमांटिक कॉमेडी कहानी को देखना चाहते हैं, तो उससे पहले इसके बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त कर लें|
इस फिल्म की कहानी संजू (विक्रांत मैसी) और अदिति उर्फ अदू (कृति खरबंदा) के इर्द-गिर्द घुमती नज़र आती है| एक बार संजू नाटक देख रहा होता है उसका एक डाइलोग "तू क्यों सच के पिंजरे में बंधा है, धर्म के लिए तो भगवान ने भी स्वांग रचा था, तू क्यों भूल गया.." सुनकर उसके मन में शादी के लिए आईडिया आने शुरू हो जाते हैं। इसके बाद एक ही कंपनी में काम कर रहे संजू और अदिति शादी करने के लिए नाटक की तैयारी शुरू कर देते हैं|
इस नाटक में सबसे पहले संजू खुद के नकली मां-बाप बनाकर अदिति के घर जाएगा और इनकी धूमधाम से शादी की जाएगी| इसके बाद अदिति नकली मां- बाप बनाकर संजू के घर रिश्ते की बात करने जाएगी और यहाँ भी उनकी शादी अच्छे से हो जाएगी| इतना बड़ा ड्रामा करने के लिए ये दोनों प्यार के पंछी जुबीना (गौहर खान) की सहायता लेते दिखाई देते हैं|
वह थियेटर में ही संजू के साथ काम करती होती है। दूसरी ओर जहानाबाद में अपने घर पर संजू के पिता कन्हैया लाल (विनीत कुमार) उसके लिए लड़कियाँ देखते हैं और अदिति के पापा तो अंतर्जातीय शादी का नाम सुनते ही गुस्सा हो जाते हैं| क्या ये दोनों अपनी शादी के नाटक को अंजाम तक पहुंचा पाएंगें, इस बात को जानने के लिए आपको ज़ी 5 द्वारा प्रस्तुत फिल्म '14 फेरे' देखनी होगी|
देवांशु सिंह के निर्देशन की बात करें तो उन्होंने जो रोमांटिक-कॉमेडी कंटेंट लोगों के सामने पेश किया उसके द्वारा वह सामाजिक मुद्दों पर कटाक्ष करते दिखाई दिए हैं| अंतर्जातीय विवाह को निर्देशक ने काफी अच्छे से दर्शकों के सामने प्रदर्शित किया है| परन्तु फिल्म का क्लाईमैक्स आपको थोड़ा निराश कर सकता है, क्योंकि इसको काफी तेजी से पेश किया गया है|
फिल्म का सबसे मजबूत पक्ष अभिनय ही रहा है, कलाकारों की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है| विक्रांत मैसी और कृति खरबंदा की रोमांटिक कॉमेडी कैमिस्ट्री शुरू से लेकर अंत तक आपका मनोरंजन करने वाली है| दोनों अपने अभिनय कौशल के द्वारा लोगों का ध्यान आकर्षित करते नज़र आए हैं, वहीं दिल्ली की मेरिल स्ट्रीप का किरदार निभा रही गौहर खान ने भी दमदार एक्टिंग का प्रदर्शन किया है| इन सभी के अलावा यामिनी दास, प्रियांशु सिंह, जमील खान, विनीत कुमार जैसे कलाकार भी अपने किरदारों में सटीक और सहज नज़र आए हैं|
एडिटिंग में मनन सागर अपने काम के प्रति थोड़े सुस्त नज़र आए हैं, उन्होंने इतने बड़े कंटेंट को सिर्फ 1 घंटे 51 मिनट खत्म कर दिया है| परन्तु जिस हिसाब से उन्होंने संजू और अदिति की कॉलेज लाइफ का प्रदर्शन किया है वह आपको जरा सा भी बोर नही करेगी| फिल्म के संगीत की बात करें तो वह इसमें जबरदस्ती डाला हुआ दिखाई देता है जो आपको बिल्कुल भी याद नही रहेगा|
अंत में यही कहा जा सकता है कि अगर आप एक्शन और थ्रिलर फिल्म देखकर बोर हो चुके हैं और किसी रोमांटिक कॉमेडी कंटेंट की तलाश कर रहे हैं तो देवांशु सिंह द्वारा निर्देशित फिल्म '14 फेरे' आपका भरपूर मनोरंजन करने वाली है| विक्रांत मैसी और कृति खरबंदा का कॉमेडी वाला रोमांस शुरू से लेकर अंत तक आपको फिल्म के साथ बांध कर रखेगा|