निर्देशक: संजय लीला भंसाली
प्लेटफॉर्म: ओटीटी नेटफ्लिक्स
रेटिंग: ***1/2
आज हम आपके सामने बहुप्रतीक्षित वेब सीरिज़ `हीरामंडी - द डायमंड बाजार` का एक शानदार रिव्यू लेकर आ गए हैं| यह एक कामोत्तेजक प्रोजेक्ट है, जिसका लोगों द्वारा काफी समय से इंतजार किया जा रहा था| आज 1 मई के दिन इसे ओटीटी प्लेटफार्म नेटफ्लिक्स पर दर्शकों के लिए प्रस्तुत कर दिया गया है| इस रिव्यू में हम आपके लिए `हीरामंडी` वेब शो से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आ गए हैं|
मशहूर फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली ने वेब सीरिज़ की दुनिया में अपना पहला कदम रखा है| पिछले मूवी प्रोजेक्ट्स के बारे में उनके निर्देशन कार्य की जितनी तारीफ़ की जाए कम है| परन्तु उनके ओटीटी डेब्यू `हीरामंडी - द डायमंड बाजार` वेब सीरिज़ में भी वह धमाकेदार काम करते नज़र आए हैं| आई इस आठ एपिसोड वाले वेब शो के बारे में कुछ आवश्यक जानकारी प्राप्त करते हैं|
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`हीरामंडी - द डायमंड बाजार` वेब सीरिज़ में आजादी से पहले के समय की तवायफों की कहानी को लोगों के सामने प्रस्तुत किया गया है| संजय लीला भंसाली कैसे अपने निर्देशन और निर्माण कार्य में बेहतरीन हैं उन्होंने अच्छे से लोगों को दिखाया है|
वेब शो की कहानी 1920 के दशक के लाहौर से शुरू होती है, जहाँ पर ब्रिटिश भारत बनाने का काम शिखर पर पहुंच चूका था| लेकिन हीरामंडी में रहने वाले दरबारी भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में आगे रहते हुए अभी तक ब्रिटिश सरकार से बचे हुए थे| वेब शो में आए बड़ी-बड़ी दावतों और जलसों वाले सीन आपको भंसाली के पुराने प्रोजेक्ट्स की याद दिला देते हैं|
यह वह समय था जब नवाबों और रईसों की तरह कोठों पर नाचने वाली तवायफ भी अपने आप को किसी नवाब से कम नही समझती थी| वहां के महल में रानी के रूप में मल्लिकाजान (मनीषा कोइराला) बेरहम कुलमाता का दबदबा था| फिर भी उनकी वफादार सेविकाओं की जोड़ी, सत्तो-फट्टो (निवेदिता भार्गव और जयति भाटिया) सभी का मनोरंजन करके रखती थी।
भावुकतापूर्ण नाटक करने वाली बहनों, लज्जो (ऋचा चड्ढा) और वहीदा (संजीदा शेख) और दो बेटियों, बिब्बो (अदिति राव हैदरी) और आलमजेब (शर्मिन सहगल मेहता) का अपना बैंड होता था। फिर एक दिन उनकी प्रतिद्वंद्वी वैश्या फरीदन (सोनाक्षी सिन्हा) का वहां पर आना होता है जिसको लेकर सारे महल में तहलका मच जाता है|
यह वेब शो मल्लिका और फरीदन के बीच एक-दूसरे से आगे निकलने की जंग को लेकर मजेदार तरीके से आगे बढ़ता है| दूसरी और इसमें मसाला डालने का काम लज्जो के रोमांस में आने वाली परेशानियां और बिब्बो के अनौखे कारनामे करते हैं| `हीरामंडी - द डायमंड बाजार` की स्टोरी ऐसे ही बदला, रोमांस और विद्रोह के द्वारा लोगों को अंत तक अपने साथ जोड़े रखती है|
एक्टिंग की बात करें तो फरदीन खान, शेखर सुमन और उनके बेटे अध्ययन अपने किरदारों में हर बार एक दम स्टिक नज़र आए हैं| ऋचा चड्ढा ज्यादा दिखाई नही दी हैं परन्तु वह अपने अभिनय का पूरा मजा लेती नज़र आई हैं| `हीरामंडी` को धमाकेदार बनाने में अदिति राव हैदरी की सुंदरता का बहुत बड़ा रोल है| वेब शो में उनकी गर्मजोशी का हर कोई दीवाना हो गया है| संजीदा शेख अपने धूर्त स्वभाव और पीड़ा से लोगों का खूब मनोरंजन करती दिखाई दी हैं|
अंत में मनीषा कोइराला के मंत्रमुग्ध कर देने वाले मल्लिकाजान अवतार की बात करते हैं| वह हर एक पल में उनका रूप बदलती नज़र आती हैं, कभी वह सभी को नियंत्रित किरने वाली डायन तो कभी तवायफ के रूप में लोगों का दिल जीतती दिखाई देती हैं| इस वेब शो में आपको सबसे ज्यादा मजा मल्लिका और फरीदन के आपसी झगड़े में आने वाला है|
`हीरामंडी: द डायमंड बाजार` वेब शो की सिनेमैटोग्राफी आपको थोड़ा उदास कर सकती हैं| लेकिन सीरिज़ को देखने के बाद आप उसको भी भूल जाओगे|
निर्देशन में संजय लीला भंसाली हर एक किरदार के साथ न्याय करते दिखाई दी हैं| उन्होंने हर कलाकार को बहुत ही रोमांचक तरीके से लोगों के सामने पेश किया है| इस पक्ष में उनकी जितनी तारीफ की जाए कम है| आठ-एपिसोड की इस सीरीज का एक भी भी एपिसोड आप मिस नही कर सकते हैं|
अंत में यही कहा जा सकता है कि अगर आप संजय लीला भंसाली के प्रोजेक्ट्स के दीवाने हैं तो `हीरामंडी - द डायमंड बाजार` वेब सीरिज़ आपको बहुत ज्यादा पसंद आने वाली है| शो का रोमांच और रोमांस कब बदले की भावना में बदल जाता है पता ही चल पाता है|