डायरेक्टर: जगदीप सिद्धू
प्लेटफॉर्म: सिनेमाघर
रेटिंग: ***
दिलजीत दोसांझ और नीरू बाजवा की जोड़ी मशहूर 'जट्ट एंड जूलियट' सीरीज की अगली कड़ी के साथ वापस आ गई है। 'जट्ट एंड जूलियट 2' की रिलीज के 12 साल बाद, बहुप्रतीक्षित 'जट्ट एंड जूलियट 3' मनोरंजन की एक नई लहर लाने का वादा करती है। इस बार, उनके साथ जैस्मीन बाजवा भी हैं, जो इस कहानी में एक नया मोड़ जोड़ती हैं।
जगदीप सिद्धू के निर्देशन में तैयार फिल्म 'जट्ट एंड जूलियट 3' को 27 जून के दिन बड़े पर्दे पर लोगों के सामने प्रस्तुत कर दिया गया है| आज हम आपके लिए इस कॉमेडी मूवी का मजेदार रिव्यू लेकर आ गए हैं| तो बने रहिए हमारे साथ अंत तक ताकि आपको फिल्म के बारे में अच्छे से जानकारी मिल सके|
जट्ट एंड जूलियट 3 की कहानी:
फिल्म की कहानी फ़तेह सिंह (दिलजीत दोसांझ) और पूजा (नीरू बाजवा) जो पुलिस कांस्टेबल हैं, इन दोनों की नोक झोक से शुरू होती है| पूजा वैसे तो फ़तेह सिंह की सीनियर होती हैं। परन्तु दोनों की आपसी बोन्डिंग को देखकर ऐसा नही कभी नही लगता है| इन दोनों का हंसी मजाक प्यार का रूप ले लेता है और यह दोनों शादी कर लेते हैं|
जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती दोनों को लगने लगता है कि वह एक-दूसरे को धोखा दे रहे हैं। फिर इन दोनों के झगड़े में जैस्मीन बाजवा (डेज़ी) की एंटी होती है| डेज़ी जो फ़तेह सिंह के साथ मिलकर खुद का काम शुरू कर देती है| दूसरी और पूजा इन दोनों को भाई-बहन बनाने में तुली होती है| दिलजीत दोसांझ हर बार अपने एक झूठ को छुपाने के लिए नया प्लान तैयार रखते हैं| ऐसे ही कहानी हल्की-हल्की नोक झोक और कॉमेडी के साथ आगे बढ़ती रहती है|
कौन सा पक्ष है कमजोर:
फिल्म 'जट्ट एंड जूलियट 3' की कहानी दिलजीत की कॉमेडी के आस-पास घुमती है। फर्स्ट हाफ तो फ़तेह और पूजा के प्रेम भरे किस्सों में निकल जाता है, वहीं दूसरे हाफ को मेकर्स ने काफी स्लो कर दिया है| इस भाग में आने के बाद कहानी थोड़ा सा धीमा हो जाती है, जिसकी वजह से क्लाइमेक्स काफी लंबा खीँच जाता है|
जगदीप सिद्धू का निर्देशन:
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले जगदीप रोमांटिक फिल्म 'किस्मत' जो साल 2018 में रिलीज़ हुई थी और 'सूफना' जो साल 2020 में बड़े पर्दे पर आई थी| इन दोनों प्रोजेक्ट्स से काफी ज्यादा लोकप्रियता प्राप्त कर चुके हैं| इस बार वह 'जट्ट एंड जूलियट 3' के साथ फैन्स के सामने प्रस्तुत हुए हैं| वैसे तो निर्देशन में उन्होंने सभी कलाकारों के साथ न्याय किया है|
परन्तु फिल्म में सबसे बड़ी समस्या ये आती है कि क्लाइमेक्स के समय ही सभी मुद्दे जैसे दहेज, सांस्कृतिक समस्या, बेरोजगारी, और रिश्वतखोरी आदि| मेकर्स इन सभी मुद्दों को दूसरे भाग के स्टार्टिंग में भी दिखा सकता था ताकि दर्शकों का ध्यान फिल्म से जुड़ा रहे| कुल मिलाकर जगदीप सिद्धू का निर्देशन कार्य काफी अच्छा रहा है|
एक्टिंग:
फिल्म 'जट्ट एंड जूलियट' का केंद्र बिंदु हमेशा दिलजीत दोसांझ की चंचल कॉमेडी रहती है। 12 साल बाद 'जट्ट एंड जूलियट' की जोड़ी एक बार फिर दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करने में कामयाब रही है| वर्तमान समय में दिलजीत की एक्टिंग से लेकर सिंगिंग तक टॉप लेवल पर चल रही है| बात करें नीरू बाजवा की तो वह इंडस्ट्री की महान कलाकार हैं|
अभिनेत्री ने अपना किरदार बखूबी निभाया है, वह जब भी स्क्रीन पर आती हैं दर्शकों के चेहरे खिल जाते हैं| वहीं जैस्मीन बाजवा दिग्गज कलाकारों के मुकाबले थोड़ा कमजोर दिखाई दी हैं| इन सभी के आलावा शैम्पी (राणा रणबीर) और उसके पिता (बीएन शर्मा) भी अपनी शानदार कॉमिक से दर्शकों को हर बार हंसाते दिखाई दिए हैं।
फिल्म का संगीत:
अगर हम कहें कि फिल्म का सबसे मजबूत पक्ष इसका जोशीला संगीत है तो यह बात गलत नही होगी| मूवी का संगीत दर्शकों का काफी ध्यान आकर्षित करता है| "जट्टिये पंजाब दिए", "शेरां दा", "हाय जूलियट", और "लहंगा" जैसे गाने फिल्म देखने के बाद भी आपकी जुबान पर रहते हैं|
निष्कर्ष:
अंत हम यही कह सकते हैं कि अगर आप दिलजीत दोसांझ और नीरू बाजवा की जोड़ी के फैन्स हैं और इनकी कॉमेडी आपको बहुत ज्यादा पसंद है तो फिल्म 'जट्ट एंड जूलियट 3' आपका खूब मनोरंजन करने वाली है| अभिनेता की कॉमेडी से भरे वन-लाइनर का मजा आप अपनी पूरी फैमिली के साथ मिलकर ले सकते हैं|