कलाकार: अमोल पाराशर, विनय पाठक, आकांशा रंजन, आनंदेश्वर द्विवेदी, आकाश मखीजा, संतू कुमार
निर्देशक: राहुल पांडे
स्टार रेटिंग: ***
प्लेटफार्म: अमेज़न प्राइम वीडियो
पंचायत सीज़न 2 के ख़त्म होने के बाद से, प्रशंसकों को अपने प्रिय सचिव जी की वापसी का बेसब्री से इंतज़ार है। दो साल के अंतराल के बाद, पंचायत सीज़न 3 आखिरकार 28 मई 2024 को रिलीज़ किया गया| जो सस्पेंस, मनोरंजन और कॉमेडी का मिश्रण लोगों के सामने पेश करता है। इस सीज़न में, पंचायत ग्रामीण भारतीय राजनीति और नौकरशाही पर गहराई से प्रकाश डालती है| हाल ही में उसी के जैसी वेब सीरिज़ 'ग्राम चिकित्सालय' को टीवीएफ ने आज यानि 9 मई को अमेज़न प्राइम वीडियो पर दर्शकों के लिए पेश किया है|
इस वेब शो में एक शहरी लड़का जिंदगी में कुछ अलग करने के लिए गाँव में नौकरी करने आता है| यहाँ पर उसको अलग-अलग तरह के लोग मिलने आते हैं| यह कहानी डॉ प्रभात सिन्हा (अमोल पाराशर) नाम के लड़के की है, वह दिल्ली के एक पैसे वाले डॉक्टर का बेटा होता है| वह लड़का दिल्ली ना रह कर, छत्तीसगढ़ में एक भटकंडी नामक गाँव के अंदर स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा अधिकारी की पोस्टिंग पर काम करना शुरू कर देता है|
पहले के सभी आदर्शों को छोड़ कर प्रभात सिन्हा बदलाव करने के लिए चल पड़ता है| राहुल पांडे के निर्देशन में बनी 'ग्राम चिकित्साल' वेब सीरिज़ बाइक के सीन से शुरू होती है, जिसमें एक बुजुर्ग को डॉक्टर के पास लाया गया, जहाँ पर उसकी मौत हो गई| इसके बाद सारा गाँव उसके अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचा था| तभी वहां पर रिक्शा से डॉ प्रभात सिन्हा (अमोल पाराशर) पहुंचते हैं| उनके साथ रास्ते में ही लुट-पाट हो जाती है, जैसे-तैसे करके वह गाँव के स्वास्थ्य केंद्र आ जाते हैं| वहां पर उनको लुंगी में कंपाउंडर फुटानी (आनंदेश्वर द्विवेदी) मिलते हैं| वार्ड बॉय गोबिंद (आकाश मखीजा) भी ऐसी ही अवस्था में होता है| अचानक मेडिकल ऑफिसर के आने पर वह दोनों घबरा जाते हैं, क्योंकि उनको उम्मीद नही होती है|
प्रभात यह सोच रहा होता है कि डॉक्टर के ना होने से इतनी खराब व्यवस्था है| लेकिन वह तब हैरान हो जाता है जब देखता है कि यहाँ पर तो कोई काम हो ही नही रहा होता है| राम अवतार (अखिलेश्वर प्रसाद सिन्हा) नाम के गुस्से वाले किसान ने स्वास्थ्य केंद्र के पास ही फसल उगा रखी है, वह स्वास्थ्य कर्मचारियों को कहता है कि वह रास्ता साफ़ नही करेगा|
इसके बाद एक पुलिस अधिकारी हस्तक्षेप करके रास्ता साफ़ करवा देता है| क्लिनिक को देख कर प्रभात उदास हो जाता है, क्योंकि यहाँ पर तो काम के नाम पर सारा सिस्टम खराब पड़ा है| कंपाउंडर फुटानी पीछे से दवाओं को ब्लैक में बेच देता है। यहाँ पर सिर्फ एक इंदु (गरिमा विक्रांत सिंह) नाम की नर्स ईमानदारी से टीके लगाने का अपना काम कर रही होती है|
स्वास्थ्य केंद्र कागजों में चल रहा होता है, लेकिन काम के नाम पर चेतक कुमार (विनय पाठक) नाम का झोलाछाप डॉक्टर बैठा रखा होता है| उसको इंजेक्शन तक नही लगाना आता लेकिन मरीजों को मुर्ख अच्छे से बनाना आता है| क्या कॉलेज से स्वर्ण पदक प्राप्त प्रभात ये सब कुछ संभाल पाएगा| या फिर परेशान होकर दौबारा दिल्ली की ओर लौट जाएगा| ये सब कुछ तो आपको पूरा रिव्यू पढ़ने के बाद ही पता चलेगा|
अरुणाभ कुमार और दीपक कुमार मिश्रा के निर्माण में तैयार 'ग्राम चिकित्सालय' वेब शो की शुरुवात काबिलेतारीफ होती है| श्रेया श्रीवास्तव और वैभव सुमन ने भी लेखन कार्य में अच्छा काम किया है| कहानी का कॉमेडी संवाद बेअसर नज़र आया है, लेकिन क्लिनिक की व्यवस्था और कर्मचारियों का व्यवहार शो को आगे बढ़ाने का काम करते दिखाई देते हैं|
दूसरे किसी गाँव में गार्गी (आकांक्षा रंजन कपूर) नाम की डॉक्टर ऐसी ही बेकार नौकरी को स्वीकार कर लेती है और प्रभात को बोलती है अगर कोई स्थान आपको नही अपनाता, टी इससे अच्छा आप उसको अपना लो| इन दोनों की कहानी थोड़ी में पंचायत के अभिषेक-रिंकी जैसी लगती है, जो काफी तेजी से रोमांस की तरफ बढ़ रही है|
ज़रूर, यहाँ कुछ सच्चाई है और डार्क ह्यूमर के साथ-साथ एक सामाजिक संदेश की गुंजाइश है। लेकिन पंचायत ने ग्रामीण बुद्धि के कुएं का इस्तेमाल किया और ग्राम चिकित्सालय के लिए कीचड़ भरा कूड़ा छोड़ दिया।
गाँव के वीएफ़एक्स को भी मेकर्स अच्छे से पेश नही कर पाए हैं| मुख्य कलाकार भी शहरी दिखाई पड़ते हैं, अंतिम एपिसोड तक प्रभात विनम्र और शांत हो जाते हैं| यहाँ से वेब शो इंदु की तरफ मुड़ जाता है|
अंत में हम यही कह सकते हैं कि हो सकता है टीवीएफ ने पंचायत से कुछ टॉपिक लिया हो| लेकिन 'ग्राम चिकित्सालय' में अमोल पाराशर का ईमानदार किरदार आपको यह जानने के लिए मजबूर कर देता है कि आखिर लास्ट में उनकी यात्रा कहाँ जा कर खत्म होती है| इसलिए आप अपने परिवार के साथ इस न्यू वेब शो को अमेज़न प्राइम वीडियो पर एन्जॉय कर सकते हैं|

Saturday, May 10, 2025 10:01 IST