इमरान हाश्मी एक रहस्मयी व्यक्तित्व के मालिक हैं। उनके मन में क्या चल रहा हैं या वह क्या सोच रहे हैं ये किसी को पता नही होता। यहाँ तक कि वे अपने आस-पास के लोगों के लिए एक पहेली से बने रहते हैं। उनके आस-पास के लोगों का ये भी यकीन करना मुश्किल हो जाता हैं कि वो जो कह रहे वो सच हैं या झूठ। ऐसा कहना हैं उनकी फिल्म 'घनचक्कर' के निर्देशक राजकुमार गुप्ता का।
राजकुमार कहते हैं कि इमरान हाश्मी का ये रहस्मयी स्वभाव ही था जो हमारी फिल्म 'घनचक्कर' के लिए बेहद फ़ायदेमंद रहा। निर्देशक कहते हैं कि उनका ये स्वभाव फिल्म के किरदार में ऐसे ज़मता हैं कि हमारे लिए बेहद आसान हो गया था उनसे काम करवाना।
वही विद्या के बारे में राजकुमार का कहना हैं कि विद्या को भी हमने इस किरदार के लिए इसलिए कास्ट नहीं किया हैं, क्योंकि उनके साथ पहली फिल्म 'नो वन किल्ड जेसिका' के बाद उनसे अच्छी बन रही थी। बल्कि जो पंजाबन पत्नी हमे इस फिल्म में चाहिए थी उस सांचे में विद्या से ज्यादा कोई फिट ही नहीं होता था।
राजकुमार कहते हैं कि ये एक कॉमेडी फिल्म नहीं हैं बल्कि एक रहस्मयी थ्रिलर फिल्म हैं। हमने ये एक कॉमिक थ्रिलर नहीं बनायीं हैं। या तो ये एक कॉमेडी हैं या एक थ्रिलर। फिल्म में रोज़मर्रा की दिनचर्या में होनी वाली घटनाएँ हैं जिन पर हंसी आती हैं लेकिन इसमें जो कॉमिक तत्व हैं वो बेहद सीमित हैं। फिल्म इसी शुक्रवार को रिलीज़ होगी।
Thursday, June 27, 2013 16:10 IST