हुमा कहती हैं "जहां पहले मेरा परिवार मुझे और मेरे भाई साकिब सलीम को कहीं भी भेजने से डरता था बाद में उन्होंने उसे भी मुंबई भेज दिया। साकिब ने फिल्म 'मेरे डैड की मारुती' में काम किया हैं। फिर जब हम दोनों के बारे में अखबार में कुछ नकारात्मक खबर आई तो हम परेशान हो गए थे कि इसके लिए घरवाले बेहद परेशान हो जायेंगे। लेकिन जब उन्होंने हमे कॉल की तो वे एक दम सामान्य थे। अब वे समझते हैं और कभी हमसे कोई प्रश्न नहीं करते। अब वे हमारे लिए बेहद सहायक हो गए हैं। मेरी माँ कहती हैं कि ये हमारे व्यवसाय का एक हिस्सा हैं हमें इससे प्रभावित नहीं होना चाहिए।"
हुमा हाल ही में निर्माता अनुराग कश्यप के साथ संबंधों को लेकर चर्चा में थी। अनुराग कश्यप ने ही उन्हें फिल्म 'गैंग ऑफ़ वासेपुर' में लॉंच किया था। इस पर टिप्पणी करते हुए हुमा कहती हैं कि मैं एक बेहद भावुक इंसान हूँ लेकिन इसका मतलब ये तो नहीं कि हर किसी की कही बात मेरे लिए महत्व रखती हैं। ऐसे बहुत कम लोग हैं, मैं जिनकी बातों को महत्व देती हूँ।
हुमा का कहना हैं कि मैं सबसे अच्छी लड़की का खिताब नहीं जीतना चाहती। अगर मैं दूसरे लोगों के बारे में सोचूंगी तो इससे मेरे काम पर फर्क पड़ेगा। मेरा भाई आश्चर्यचकित होता हैं जब ऐसी कोई घटना घटती हैं। मैंने उसे सिर्फ इतना ही कहा हैं, इनके बारे में सोचना छोड़ दो। हुमा कहती हैं कि मेरा भाई ही मेरा सबसे अच्छा दोस्त हैं। वैसे वह मुझसे बहुत छोटा हैं। लेकिन मुझ से कहीं ज्यादा अकलमंद हैं। वह कहती हैं कि ये बहुत बड़ी बात हैं कि आपके साथ ऐसा कोई हैं जिसके ऊपर आपको बेहद भरोसा हो। मेरा भाई मुझे बेहद अच्छी सलाह देता हैं। वह उस परिवार को अच्छे से जानता हैं जहां से हम आए हैं और वह उसके बारे में बेहद भावुक हैं।
क्राइम थ्रिलर 'गैंग ऑफ़ वासेपुर' के बाद हुमा को 'लव सव ते चिकन खुराना' और 'एक थी डायन' में देखा गया था। हुमा इस बात से बेहद खुश हैं कि वह किसी एक भूमिका में बंधी हुई नहीं हैं।
हुमा कहती हैं "मैं किसी एक प्रकार की भूमिक में बंधना भी नहीं चाहती। एक अभिनेता के रूप में हम कुछ नया करने से डरते रहते हैं। लेकिन मैं डरती नहीं हूँ बल्कि वो सोचने की कोशिश करती हूँ जिसे दूसरे लोग नहीं सोचते।"
हुमा की अगली फिल्म 'डी -डे' एक एक्शन फिल्म हैं जिसे निखिल आडवाणी ने निर्देशित किया हैं। हुमा के अलावा फिल्म में ऋषि कपूर, अर्जुन रामपाल, इरफ़ान और श्रुति हसन भी होंगे।