'दबंग' से शुरुआत करके 'ऱाऊडी राठौर', 'दबंग-2' और 'सन ऑफ़ सरदार' जैसी मनोरंजक फ़िल्मे करने के बाद 'लुटेरा' सोनाक्षी की एक अब तक की फिल्मों से बेहद अलग फिल्म थी। जिसमें सोनाक्षी ने 1950 की एक बंगाली लड़की का किरदार निभाया हैं। ये सोनाक्षी के लिए बेहद चुनौती पूर्ण था।
फिल्म में सोनाक्षी ने एक बंगाली जमींदार की बेटी का किरदार निभाया हैं। जिसे उसके पिता ने बेहद लाड-प्यार से पाला हैं। वह एक ऐसे अजनबी के प्रेम में पड़ जाती हैं जिसका चरित्र बेहद संदिग्ध हैं।
सोना कहती हैं "फिल्म 'दबंग' के बाद लोगों ने मुझे एक दम अलग रूप में देखा हैं। जो अपने आप में एक बेहद विशेष किस्म का किरदार था। इसके लिए मैंने लोगों से जो टिप्पणियां सुनी हैं वो कुछ ऐसी हैं। 'तुम्हारे करियर के लिए ऐसा किरदार बेहद जल्दबाजी हैं', 'तुम इसके लिए अभी पूरी तरह से परिपक्व नहीं हो'।
सोना स्वीकार करती हैं "मैं इन सब बातों से बहुत परेशान हो गई थी, और तभी से मैंने इन सबके सामने अपने आप को साबित करने की ठान ली थी। मैंने कुछ प्रयोग करने की सोची और अब मैं खुश हूँ कि मैंने इसे सफलतापूर्वक कर भी दिखाया। 'लुटेरा' में अपने किरदार 'पाखी' की सफलता के लिए वह फिल्म के निर्देशक मोटवानी को धन्यवाद देती हैं। सोना कहती हैं की यह निर्देशक की वजह से ही मुमकिन हो पाया हैं।"
"ये मेरा अब तक का सबसे ज्यादा चुनौती भरा किरदार था। क्योंकि यह 1950 के दशक का सेट था जिसके बारे में मुझे कुछ ज्यादा नहीं पता था। मैंने बस मोटवानी के निर्देश को बेहद शुद्धता के साथ पूरा किया। वह एक ज़बरदस्त निर्देशक है। मैं यह उनके बिना नहीं कर सकती थी।"
मैं बेहद खुश हूँ कि मोटवानी ने मेरी प्रतिभा को इतने अच्छे से प्रयोग किया और पर्दे पर उतारा। ये सोनाक्षी के लिए दूसरा साल हैं जब वह बेहद व्यस्त हैं। 'लूटेरा के बाद वह अपनी अगली तीन फिल्मों का इंतज़ार कर रही हैं। जिनमें से 'वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई-2', 'बुलट राजा' और 'रैम्बो राजकुमार' हैं।