रणवीर अपने उद्देश्य के बारे में बात करते हुए कहते हैं कि वह अपने स्टारडम की परवाह नहीं करते और इंडस्ट्री में एक लम्बे समय तक टिकना चाहते हैं। वह कहते हैं कि मैं इंडस्ट्री में अच्छी फिल्मों का योगदान करना चाहता हूँ। स्टारडम नहीं बनाना चाहता। मुझे पता हैं कि मुझे कहाँ पहुँचाना हैं और मेरे चारों तरफ क्या चल रहा हैं। मैं सिर्फ अपने काम पर ध्यान लगाना चाहता हूँ।
रणवीर कहते हैं कि वह सिने दुनिया का उसी तरह से हिस्सा बनना चाहता हूँ जिस तरह से आमिर खान हैं। जैसे आमिर भारतीय सिनेमा की सबसे परिभाषित फिल्मों का हिस्सा रह चुके हैं मेरा भी वही लक्ष्य हैं। मैं भी बेहतरीन फ़िल्में देना चाहता हूँ।"
रणवीर को लगता हैं कि 'लुटेरा' ने इंडस्ट्री में उनके करियर का पासा पलट के रख दिया हैं, और अब उन्हें इंडस्ट्री के 'क्रीम क्रॉप' निर्देशकों के साथ काम करने का मौका भी मिलता रहेगा। 'लुटेरा' के लिए रणवीर कहते हैं कि इस फिल्म के लिए मुझे इंडस्ट्री से अच्छी प्रतिक्रिया मिली हैं। वैसे मुझे मेरी पहली ही फिल्म 'बैण्ड बाजा बारात' से एक बेहद अच्छे निर्देशक के साथ काम करने का मौका मिल गया था, और उसी की ही बदौलत मुझे 'रामलीला', 'गुंडे' और 'लुटेरा' जैसी फ़िल्में मिली हैं। मुझे उम्मीद हैं कि मैं अब ऐसे ही अच्छे निर्देशकों के साथ काम करता रहूँगा।