जब फिल्म के बारे में इंडस्ट्री की कुछ प्रमुख हस्तियों जिन्होंने ये फिल्म देखी, बात की गई तो देखिये उन्होंने क्या कहा?
सुधीर मिश्रा ''यह बेहद वास्तविक और आश्चर्यजनक फिल्म हैं, जिसमें युवा बच्चों ने बेहद अच्छा अभिनय किया हैं। फिल्म में 16 सालों के किशोरों के भ्रम और आनंद को चित्रित किया गया हैं।"
आर माधवन "काश मैं भी आज 16 साल का ही होता। फिल्म में किशोरों की दुनिया को बेहद गहराई से दिखाया गया हैं। साथ ही जिसे बेहद अच्छे तरीके से नियंत्रित भी किया गया हैं।"
मधुर भंडारकर "फिल्म बेहद वास्तविक हैं। जो आज के युवाओं का आईना हैं। मैं फिल्म की इतनी अच्छी सामग्री और इतने अच्छे से चित्रित करने के लिए निर्माता शैलेश सिंह और विश्वास जोशी को सलाम करता हूँ।"
तरन आदर्श "'सिक्सटीन' में अच्छी भावना के साथ उचित मुद्दों को उठाया गया था। निर्देशक राज पुरोहित ने दो घंटो की कहानी में बहुत कुछ समेट दिया हैं। दरअसल पुरोहित ने इसे बयान करने का एक वास्तविक प्रयास किया हैं। फिल्म की विभिन्न कहानियों और उनमें से प्रत्येक कहानी में वयस्कता की दहलीज़ पर खड़े युवाओं का आईना दिखाया हैं।"
शोभा डे "'सिक्सटीन' एक बोल्ड और कट्टरपंथी रूपरेखा को बयान करती है। जिसमें समकालीन वयस्क सेक्सुअलिटी का बेहद दब्बूपन के साथ एक सौदा हैं। ये फिल्म किशोरावस्था की समस्याओं को बेहद अग्रिम तरीके से सुलझाने की कोशिश करती हैं। जो भविष्य के लिए कांटेदार विषयों के लिए रास्ता तैयार कर रही हैं। "