निखिल ने बुधवार को 'डी-डे' की स्पेशल स्क्रीनिंग के मौके पर कहा, "ऋषि कपूर ऐसे हैं, जैसे एक खिलौने की दुकान में छोटा बच्चा होता हैं। वह चारों तरफ देखता हैं। ऐसे ही ऋषि बेहद उत्साहित रहते हैं। वह सब कुछ करना चाहते हैं।"
1980 के आकर्षक और चॉकलेटी हीरो ने फिल्म अग्निपथ से एक विलेन के तौर पर बेहद बड़ी शुरुआत की, जिसके बाद उन्हें निगेटिव किरदारों में भी पसंद किया जाने लगा हैं। 'अग्निपथ' के बाद ऋषि ने 'औरंगजेब' और अब डी-डे में विलेन के रूप में दमदार भूमिका दी हैं।
निखिल कहते हैं, "मुझे लगता हैं कि ये ऋषि की दूसरी पारी हैं। निखिल ने खुलासा करते हैं कि ऋषि आज की तारीख में अपने प्रतियोगी के रूप में अपने बेटे को ही देखते हैं। और केवल चुनौती पूर्ण किरदार ही करना चाहते हैं।"