दरगाह में पुराना मन्नत का धागा खोलकर नया धागा बाँधा। साथ ही दरगाह से कैट इतनी प्रभावित हुई कि उन्होंने हज़रत चिश्ती दरगाह में अपना एक गाना रिकॉर्ड करने की भी इच्छा जताई।
जब कैट सुबह के 6:30 बजे बादशाही द्वार से दरगाह परिसर में पहुंची तो वह सफेद परिधान में थी। इसी कारण लोग उन्हें जल्दी पहचान भी नही सके। कैट वहां लगभग 45 मिनट तक रुकी, कैट के लिए हजरत चिश्ती के सज्जादा नसीन साहब की गैर मौजूदगी में उनके साहबजादे सैफ चिश्ती ने हजरत चिश्ती की मजार में कैट की हाजिरी कराई तथा कामयाबी की बुलंदियों के लिए दुआ पढ़ी।
कहा जाता हैं कि धार्मिक रूप से आज का दिन इबादत के लिए अच्छा माना जाता है। पिछले अगस्त में भी रमज़ान माह में कैट ने चौथी यात्रा की थी।