पिछले महीने सलमान पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 (3) के अंतर्गत लगाए गए कठोर आरोप के संदर्भ में न्यायालय ने सुनवाई शुरू की थी और ऐसी उम्मीद है कि यह दोबारा मामला चलाए जाने के संदर्भ में फैसला देगी।
गैरइरादतन हत्या के इस नए आरोप में दोषी को 10 साल की सजा का प्रावधान है।
इससे पहले सलमान के मामले में आईपीसी की धारा 304 ए के तहत मेट्रोपोलिटन दंडाधिकारी ने जल्दबाजी में बेपरवाह तरीके से वाहन चलाने के मामले में मुकदमा चलाया था जिसके अंतर्गत अधिकतम दो साल की सजा का प्रावधान है।
वैसे मेट्रोपोलिटन दंडाधिकारी ने 17 प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ करने के बाद आईपीसी की धारा 304 (3) के अंतर्गत और गम्भीर आरोप तय किए हैं।
इस मामले में न्यायालय के पास दो विकल्प हैं या तो फिर से नए सिरे से सुनवाई शुरू की जाए या अतिरिक्त कठोर आरोपों के साथ पहले से चल रहे मामले को जारी रखा जाएगा। अगली सुनवाई में न्यायालय का फैसला आने की उम्मीद है।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सलमान दर्शक दीर्घा में बैठे रहे लेकिन उन्हें बाद में कठघरे में बुलाया गया।
28 सितम्बर, 2002 को नशे की हालत में सलमान द्वारा चलाई जा रही लैंड क्रूजर कार ने मुंबई के ब्रांद्रा उपनगर के फुटपाथ पर सो रहे लोगों को कुचल दिया था जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और चार जख्मी हो गए थे।