फिल्म की शूटिंग के दौरान इसकी क्रू के बारे में बोलते हुए सोहा अली खान कहती हैं, "हमारी क्रू एक दम पागल क्रू के जैसी थी। फिल्म के दौरान हमने बहुत कठिन मेहनत की, यहाँ रेगिस्तान में बहुत गर्मी थी जिस से शूटिंग के दौरान बहुत पसीना बहाना पड़ रहा था। लेकिन हमारी क्रू इतनी पागल थी, साथ ही उसमे इतनी उर्जा थी कि जैसे ही उन्हें समय मिलता था वह पागलपंथी शुरू कर देते थे।
वहीँ फिल्म में कैप्टन बने शर्मन जोशी कहते हैं, " इस फिल्म की शूटिंग के दौरान हमने बहुत मजे किए। हमने साथ खाया, साथ में नाचे, और साथ में क्रिकेट और वॉलीबॉल भी खेला। यह बहुत मजेदार था। वह कहते हैं, फिल्म निर्माण एक सहयोगात्मक प्रक्रिया है, जिसमें आपसी सम्बन्ध किसी भी फिल्म की सफलता में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। इस फिल्म में एक स्पॉट बॉय से लेकर निर्देशक तक आपस में दोस्तों के जैसे थे और इसे देख कर ऐसा लग रहा था मानो यह एक बड़ा सा परिवार हो। क्या ऑडियंस भी इस परिवार का हिस्सा बनेगी यह देखने के लिए हमे सिर्फ इंतजार करना पड़ेगा।"