रक्षाबंधन के मौके पर लता ने अपने भाई के बारे में काफी लंबी बातचीत की। उन्होंने बताया, "हृदयनाथ भाई से ज्यादा मेरे बेटे जैसे हैं। जब भी मैं अपने भाई के लिए गाना गाती हूं, मुझे डर और उत्साह की मिश्रित अनुभूति होती है। वह बेहतरीन संगीतकार हैं। उसके साथ काम करना जोखिम भरा लेकिन संतोषप्रद होता है।"
लता ने कहा, "जब मैं दूसरे संगीतकारों के लिए गाती हूं, मुझे खुद पर भरोसा नहीं होता कि मैं अपनी तरफ से बेहतर कर पाऊंगी या नहीं। हृदयनाथ को मुझे टोकने में जरा भी हिचकिचाहट नहीं होती, यदि मैं जरा-सी भी गलती कर दूं, वह मुझसे सौ बार गीत गवाएंगे, चाहे मैं कितनी भी थकी हूं।"
लता ने आगे कहा, "मैं हृदयनाथ की बात से सहमत भी हूं। वह कहते हैं कि इस समय सिर्फ मैं और रिकॉर्डिस्ट ही आपको सुन रहे हैं, लेकिन कल जब पूरी दुनिया आपका गीत सुनेगी और आपकी गलतियों पर उंगली उठाई जाएगी, तब आपको कैसा महसूस होगा।"
हृदयनाथ ने अपने संगीत करियर की शुरुआत मराठी फिल्म 'आकाश गंगा' से की। उन्होंने 'लेकिन' और 'माया मेमसाब' जैसी हिंदी फिल्मों में भी संगीत दिया। लता ने उनके लिए 'यारा सिली सिली' और 'ये शहर बड़ा' जैसे मशहूर गीत गाए हैं।
लता कहती हैं, "हृदयनाथ के लिए गाना गाते समय मैं खूंटे पर लटकी होती हूं। वह बेहद ज्ञानी संगीतकार हैं। उनका मराठी साहित्य पर और कविता का ज्ञान बहुत व्यापक है। वह आधुनिक और गैर-समकालीन दोनों तरह के कवियों और उनकी रचनाओं से वाकिफ हैं। ईश्वर का शुक्र है कि हृदयनाथ के साथ मैंने जितने भी गैर फिल्मी गानों के एल्बम रिकॉर्ड किए, सभी लोकप्रिय हुए।"