जॉन ने कहा, "बहुत स्पष्ट कहूं तो अव्यवस्था तोड़ने वाला बनने का साहस दर्शकों से ही मिलता है। 'विकी डोनर' को सभी ने स्वीकार किया था। वास्तव में अगर कुछ राजनीतिक दल मेरी नई फिल्म पर आपत्ति कर रहे हैं तो मेरे लिए यह कोई बड़ी बात नहीं है। यह दर्शकों पर निर्भर करता है कि वे मेरी फिल्म को स्वीकार करते हैं या नहीं।"
'मद्रास कैफे' में जॉन ने रॉ के एजेंट की भूमिका निभाई है और नरगिस फाखरी ने युद्ध संवाददाता की भूमिका अदा की है। तमिल समर्थकों के विरोध के चलते तमिलनाडु में सिनेमाघरों के मालिकों ने इसे तमिल या हिंदी में प्रदर्शित नहीं किया था।
जॉन ने कहा, "मैं इस व्यवयसाय में नया हूं। लेकिन अगर मुझे अव्यवस्था तोड़ने वाला बनना है तो मुझे राजनैतिक बयान देना पड़ सकता है। एक फिल्म निर्माता के तौर पर लोकतांत्रिक देश में मुझे अपनी बात कहने का अधिकार होना चाहिए।"