फरहान ने कहा, "'दिल चाहता है' से लेकर अब तक मैंने जो भी किया है, मैंने उन्हें किसी चीज पर कभी ऐसी प्रतिक्रिया देते हुए नहीं देखा इसलिए वह पल मेरे लिए सच में खास है।"
राकेश ओमप्रकाश मेहरा निर्देशित 'भाग मिल्खा भाग' मशहूर एथलीट मिल्खा सिंह के जीवन पर आधारित है। फिल्म में फरहान ने मुख्य किरदार निभाया है।
फिल्मकारों का समर्थन करे सेंसर बोर्ड : फरहान
अभिनेता और फिल्मकार फरहान अख्तर का मानना है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) द्वारा हरी झंडी मिलने के बावजूद अगर 'मद्रास कैफे' जैसी फिल्मों पर विवाद होता है तो बोर्ड को फिल्मकारों के समर्थन में बोलना चाहिए। फरहान ने कहा, "सीबीएफसी को हमारे हितों की रक्षा और हमारे हितों के लिए लड़ना चाहिए क्योंकि हम उनके लिए उत्तरदायी हैं और वे हमारे लिए उत्तरदायी हैं।"
जॉन अब्राहम की 'मद्रास कैफे' को दर्शकों ने सराहा है। कुछ शीर्ष समूहों ने इसका विरोध किया है जिसके कारण फिल्म तमिलनाडु में प्रदर्शित नहीं हुई है।
बुधवार को साप्ताहिक पत्रिका 'स्टार' के आवरण पर छपी अपनी तस्वीर के अनावरण के मौके पर 39 वर्षीय फरहान ने कहा, "मैं उम्मीद करता हूं कि इन मामलों में भी वे हमारे पक्ष में खड़े होंगे और बोलेंगें।"
फरहान का मानना है कि अगर सेंसर बोर्ड ने एक बार फिल्म को हरी झंडी दे दी है तो इसे प्रदर्शित होने की अनुमति होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, "अगर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का प्रतिनिधत्व करने वाले सेंसर बोर्ड ने एक बार हमें फिल्म प्रदर्शित करने की हरी झंडी दे दी है, तो मुझे लगता है कि हमें अपनी फिल्म को देश के किसी भी हिस्से में प्रदर्शित करने की इजाजत है।"
उन्होंने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे समय में फिल्मों पर राजनीति हो रही है।"
सुजीत सरकार निर्देशित 'मद्रास कैफे' को सीबीएफसी की ओर से हरी झंडी मिलने के बावजूद तमिल समर्थकों के विरोध के डर से तमिलनाडु के सिनेमाघरों के मालिकों ने इसे प्रदर्शित करने से मना कर दिया था।
श्रीलंकाई गृहयुद्ध पर आधारित 'मद्रास कैफे' में 1991 में हुई भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दृश्य भी दिखाए गए हैं। तमिल समर्थकों का आरोप है कि फिल्म में लिट़्टे कार्यकर्ताओं को गलत तरह से दिखाया गया है।