64 वर्षीय इस फिल्मनिर्माता ने 1974 में अपने कॅरियर की शुरुआत की थी और वह सिनेमा के नए तरह का प्रयोग करने और नए संचालन के साथ लंबा सफर तय कर चुके हैं।
यहां 'दिल परदेसी हो गया' और इंडो-पाक आधारित गान 'दिल की उड़ान' के लांच के मौके पर भट्ट ने कहा, "अब तक जीवन और मेरी यात्रा आकर्षक रही है। हां, जीवन में उतार-चढ़ाव हैं, लेकिन असफलताएं और उतार-चढ़ाव आपको चमकाते हैं और बनाते हैं। मैं आज जहां भी हूं, सिर्फ अपनी असफलताओं की वजह से हूं।"
उन्होंने कहा, "असफलताएं आपको चमकाती और आगे बढ़ने की ताकत देती हैं। मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि जीवन में जब आप विफलताओं से गुजर रहे हों तो, चिंता न करें क्योंकि वह आपका अच्छा समय है। लेकिन जब आप सफल हों, तब आपको चिंता करने की जरूरत होती है।
फिल्मनिर्माता ने 1982 में उनकी निजी जिंदगी पर आधारित फिल्म 'अर्थ' से सफलता का स्वाद चखा था।