वैसे तो वह अपने करियर से खुश हैं, लेकिन उन्हें इस बात का अफ़सोस भी हैं कि उन्होंने पिछले दस सालों में सिर्फ 20 फ़िल्में ही दी हैं। शाहिद का कहना हैं कि उन्हें पर्दे के द्वारा अपने दर्शकों के सामने ज्यादा उपस्थिति दर्ज करानी चाहिए। इसी से सफलता उनके नजदीक आएगी।
वह कहते हैं, "मेरी गलती ये है कि मैंने बेहद कम काम किया है। मुझे लगता है कि ये ठीक नहीं है। एक अभिनेता के तौर पर आपको इससे बाहर निकलना होगा, कम से कम आज मैं कैरियर के जिस मुकाम पर हूं उसमें तो मुझे साल में दो या तीन बार दर्शकों से रूबरू होते रहना चाहिए।" वह आगे कहते हैं, "मैं 45 साल का नहीं हूं, और मैं इस मुकाम पर भी नहीं हूं कि लोग मेरे 20 साल के काम को देखें। इसलिए मुझे लगता है कि दर्शकों के समक्ष खुद को प्रस्तुत करना ही महत्व रखता है। ऐसा भी समय आएगा कि लोग आपको पसंद नहीं करेंगे और ऐसा भी समय होगा कि लोग आपकी फिल्म को पसंद करेंगे। मैंने इन दस सालों में काफी कुछ सीखा है।"