प्रवक्ता ने कहा, "वैसे वह फिलहाल ठीक हैं, लेकिन अभी कुछ दिनों तक उन्हें चिकित्सकों की निगरानी में रखा जाएगा।" 94 वर्ष के हो चुके मन्ना डे को पिछले पांच महीनों में दूसरी बार अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
'दादा साहेब फाल्के' पुरस्कार से सम्मानित मन्ना डे ने पाश्र्व गायक के रूप में अपना करियर 1940 के दशक में शुरू किया था। उन्होंने अपने गायन करियर में अब तक 3,500 से ज्यादा गाने गाए हैं। हिंदी फिल्मों के अलावा उन्होंने बांग्ला, गुजराती, कन्नड़, मलयालम और असमिया भाषा में गीत गाए हैं।
रोमांटिक, शास्त्रीय, हास्य मिश्रित गीतों के जरिये अपनी बहुमुखी गायन प्रतिभा का प्रदर्शन करने वाले मन्ना डे का वास्तविक नाम प्रबोध चंद्र डे था।
मन्ना डे के गाए लोकप्रिय और सदाबहार गीतों में 'सुर न सजे क्या गाउं मैं', 'न तो कारवां की तलाश है न तो हमसफर की तलाश है', 'पूछो न कैसे मैंने रैन बिताई', 'लागा चुनरी में दाग', 'आजा सनम मधुर चांदनी में हम', 'दिल का हाल सुने दिलवाला' 'ये रात भीगी भीगी ये मस्त फिजाएं', 'झनक झनक तोरी बाजे पायलिया', 'तू प्यार का सागर है', 'चुनरी संभाल गोरी उड़ी चली जाए रे' और 'ऐ मेरी जोहराजबीं' जैसे गीत शामिल हैं।