कोलकाता से मंगलवार को शुरू हो रहे और एक महीने तक चलने वाले उनके संगीत दौरे 'रहमानिश्क' में रहमान पूरी तरह संगीत के डिजिटीकरण के पक्ष में दिखे। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी की वजह से आज संगीत की हर शैली से श्रोता रू-ब-रू हो पा रहे हैं। उन्होंने संगीतकारों के लिए संगीत रचना की प्रक्रिया को सरल तरीके से सामने रखा।
रहमान ने ई-मेल के माध्यम से एक साक्षात्कार में आईएएनएस को बताया, "संगीत प्रेमी घंटो घंटो तक इस बहस में समय गंवाना पसंद करते हैं कि डिजिटीकरण ने संगीत की कलात्मकता को कितना और कैसे बर्बाद करके रख दिया है और मूल संगीत सिर्फ और सिर्फ एक सीमित दायरे में ही बसता है।"
उन्होंने आगे कहा, "जबकि वास्तविकता यह है कि हमें प्रौद्योगिकी का शुक्रगुजार होना चाहिए। यह संगीत सुनने वालों और संगीत बनाने वालों दोनों के लिए फायदेमंद है। संगीत बनाना और संगीत सुनना आज प्रौद्योगिकी की वजह से ही सुगम और सहज हो पाया है। आज से पहले संगीत कभी भी आम श्रोताओं के लिए इतनी आसान पहुंच में नहीं था।"
रहमान ने कहा, "हम ऐसे समाज में रह रहे हैं, जहां आज डिजिटीकरण का बोलबाला है। तो हर क्षेत्र में डिजिटीकरण का प्रभाव और विस्तार बेहद स्वभाविक सी बात है। हमें एल्बमों के आवरण से बाहर आने की जरूरत है।"
आगामी एक अक्टूबर से शुरू हो रहे 'रहमाननिश्क' दौरा 27 अक्टूबर को कोलकाता, विशाखपत्तनम, जयपुर, अहमदाबाद होते हुए समाप्त होगा। इस दौरे के दौरान संगीत और रहमान के प्रशंसक उनके चुनिंदा और बेहतरीन संगीत का लुत्फ उठा सकेंगे।