मनीषा ने कैंसर के उपचार की दर्दनाक प्रक्रिया और अपने उन पीड़ादायक क्षणों के बारे में बताया।
उन्होंने इसके प्रति लोगों को जागरूक करने का निर्णय लिया है।
यहां एक पांच सितारा होटल में आयोजित 'प्रतिज्ञा, कैंसर मिथ्स एंड रिएलिटी' कार्यक्रम के मौके पर उन्होंने अपने अनुभव साझा किए।
'कैंसर पीड़ित' शब्द को नापसंद करने वाली मनीषा को यह शब्द 'निरीह' लगता है। वह स्वयं को 'कैंसर योद्धा' कहती हैं।
उन्होंने कहा, "यहां कैंसर का मतलब मौत होता है। नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है। मैं, ऐसे तमाम लोगों को जानती हूं जिन्हें कैंसर हुआ, इसका निदान हुआ और वर्तमान में वे ठीक हैं। आइए, हम हर तरह की चुनौतियों से युद्ध करें।"
उन्होंने स्वस्थ जीवन जीने और जैविक भोजन लेने पर जोर दिया।