अमिट है अमिताभ की आभा

Thursday, October 10, 2013 17:23 IST
By Santa Banta News Network
अमिताभ बच्चन, बॉलीवुड का ऐसा नाम जिन्होंने 2009 में बीबीसी द्वारा कराए सर्वेक्षण में चार्ली चैप्लिन और मार्लोन ब्रैंडो जैसी अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के कलाकारों को पछाड़ते हुए सदी के महानायक का खिताब हासिल किया। अमिताभ वही शख्स हैं जो मरणासन्न अवस्था में पहुंचने के बाद एकबार फिर बाजार के सबसे बड़े ब्रांड बनकर उभरे हैं, यह उनकी जीवटता का बेहतरीन उदाहरण है।

लगभग 200 हिंदी फिल्मों में काम कर चुके अमिताभ का जन्म हिंदी के शलाका कवि हरिवंश राय बच्चन और तेजी बच्चन के घर 11 अक्टूबर 1942 को हुआ। उनके जन्म के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के प्राध्यापक अमरनाथ झा ने उनका नाम इंकलाब रखने का सुझाव दिया, लेकिन राष्ट्रकवि सुमित्रा नंदन पंत द्वारा सुझाए गए नाम अमिताभ (जिसकी आभा कभी नहीं मिटती) ने देश-विदेश में अभिनय की कविता रच डाली।

करियर:
बॉलीवुड में 'बिग बी' के नाम से लोकप्रिय अमिताभ के लिए हिंदी सिनेमा में अपना स्थान बनाना आसान नहीं था। 1969 में पहली फिल्म 'सात हिंदुस्तानी' करने के बाद उन्होंने 'परवाना', 'रेशमा' 'शेरा', 'गुड्डी' और 'बांबे टू गोवा' जैसी एक के बाद एक असफल फिल्में कीं, लेकिन इन फिल्मों से वह दर्शकों को खुश नहीं कर पाए।

अमिताभ को पहली बड़ी पहचान 1971 में ऋषिकेश मुखर्जी के निर्देशन में बनी फिल्म 'आनंद' से मिली। 'आनंद' में अमिताभ द्वारा निभाई गई सहायक भूमिका ने उन्हें पहला फिल्म फेयर पुरस्कार मिला।

अमिताभ को लेकिन बतौर अभिनेता देश की जनता ने 1973 की फिल्म 'जंजीर' में उनके गुस्सैल छवि वाले किरदार से पहचाना। आज बॉलीवुड और अभिनय का पर्याय बन चुके अमिताभ को 'जंजीर' ने ही स्टारडम के साथ एंग्री यंगमैन का तमगा भी दिलाया। इसके बाद तो एक के बाद एक अमिताभ ने 'मर्द', 'शोले', 'कुली', 'लावारिस' जैसी कई सुपरहिट फिल्मों से एंग्री यंग मैन के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर ली।

सफलता की दौड़ के बीच उनके जीवन में वह पल भी आया जब 'कुली' फिल्म की शूटिंग में हुए भयानक दुर्घटना ने उनकी रफ्तार रोक ली। उनके स्वस्थ होकर घर आने की उम्मीद कम थी, लेकिन प्रशंसकों की उम्मीद के बीच कई महीने बाद वह स्वस्थ हो कर घर लौटे।

अमिताभ ने इसके बाद कुछ वर्षो के लिए अभिनय से अवकाश ले लिया और अपने मित्र राजीव गांधी की पहल पर राजनीति में किस्मत आजमाई। उन्हें सफलता भी मिली और इलाहाबाद सीट से उन्होंने एच. एन. बहुगुणा के खिलाफ रिकार्ड अंतर से जीत हासिल की। लेकिन राजनीति उन्हें ज्यादा दिन तक रास नहीं आई और इसकी वजह बना बोफोर्स कांड में उनका नाम उछाला जाना। उन्हें न्यायालय ने हालांकि क्लीन चिट दे दी, लेकिन उन्होंने राजनीति को गंदी नाली करार दे कर इससे किनारा कर लिया।

इसके बाद अमिताभ ने 'शहंशाह' फिल्म से वापसी की। यह फिल्म सफल रही, लेकिन आने वाली फिल्मों के औंधे मुंह बॉक्स आफिस पर गिर जाने पर उनकी शोहरत कम होने लगी। उन्होंने फिल्म निर्माण कंपनी 'एबीसीएल' भी खोली लेकिन इसमें भी उनकी किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया।

इधर, पांच साल के अवकाश के बाद अमिताभ ने अपनी वास्तविक उम्र का आभास करते हुए यश चोपड़ा की फिल्म 'मोहब्बतें' से फिर वापसी की। गुरुकुल के शिक्षक की भूमिका से अमिताभ ने नई पारी शुरू की और उनकी नई पारी ने उनके लिए सफलता और शोहरत के दरवाजे फिर खोल दिए।

अमिताभ का करियर 70-80 के दशक में उफान पर रहा और उन्होंने बॉलीवुड पर एकछत्र राज किया। अमिताभ के करियर के पूर्वार्ध में दर्शकों ने जहां उन्हें 'जंजीर', 'नमक हलाल', 'शोले', 'कूली', 'सुहाग', 'अभिमान', 'सिलसिला', 'मिली', 'मिस्टर नटवर लाल', 'द ग्रेट गैंबलर', 'अग्निपथ', 'चुपके-चुपके', 'लावारिस' में पसंद किया वहीं 'मोहब्बते', 'ब्लैक', 'बंटी और बबली', 'कभी खुशी कभी गम', 'देव', 'सरकार', 'सरकार राज', 'आरक्षण', 'सत्याग्रह' जैसी अनगिनत बेहतरीन फिल्में उनकी दूसरी पारी का इंतजार कर रहे थे।

आज बाजार का ब्रांड बन चुके अमिताभ की दूसरी पारी में शोहरत दिलाने का श्रेय गेम शो 'कौन बनेगा करोड़पति' को भी काफी हद तक जाता है। इस शो में मेजबान की भूमिका ने उन्हें हर भारतीय से दोबारा जोड़ने में मदद की और बेशक इसका फायदा उनकी फिल्मों को भी मिला। अमिताभ ने जीवन के सातवें दशक में हॉलीवुड में कदम रखा, और उनकी पहली फिल्म 'द ग्रेट गैट्सबाय' हाल ही में प्रदर्शित हुई है।

निजी जिंदगी:

उनकी शादी बॉलीवुड की बेहतरीन अदाकारा जया भादुड़ी से हुई। दोनों की पहली मुलाकात पुणे के फिल्म इंस्टीट्यूट में और फिर 'गुड्डी' फिल्म के सेट पर हुई। इन्होंने इस मुलाकात के बाद कई फिल्में साथ कीं और इसके जरिए एक दूसरे के करीब आए। लेकिन उनके करियर की तरह निजी जिंदगी में उतार-चढ़ाव का दौर तब आया जब अभिनेत्री रेखा से उनके कथित विवाहेत्तर संबंध की खबरें आम होने लगीं। अमिताभ हालांकि, आज जया के साथ आज खुश हैं, वहीं रेखा ने भी दोनों के संबंधों पर कभी खुलकर बात नहीं की।

अमिताभ के जीवन से जुड़ी कई रोचक बातें हैं, मसलन उनकी सफलता की वजह वे फिल्में रहीं जिसे तत्कालीन सुपर स्टार राजेश खन्ना ने ठुकरा दी थीं। कहा जाता है कि जब वह फिल्म 'खुदा गवाह' की शूटिंग के लिए अफगानिस्तान गए थे तो वहां की सरकार ने देश के आधे सुरक्षाकर्मियों को उनकी सुरक्षा के लिए तैनात कर दिया था।
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