जब शाहिद ने इस फिल्म को साइन किया था, तो कहा जा रहा था कि वह इस फिल्म को लेकर काफी उत्सुक और खुश है। लेकिन फिर अचानक से ऐसा क्या हुआ कि शाहिद ने भी इस फिल्म को छोड़ दिया है? इसका कारण बताया जा रहा है एकता के साथ शाहिद का तालमेल न बैठना।
कहा जा रहा है कि शाहिद 'बालाजी फिल्म्स' के व्यवहार से खुश नहीं थे। वह एकता की तानाशाही के चलते फिल्म की शुरुआत होने से पहले ही तंग आ गये थे तो भला पूरी फिल्म को कैसे ख़त्म कर पाते। सूत्रों का कहना है कि पहले शाहिद ने इस बारे में तिग्मांशु धूलिया से भी बात की थी। लेकिन कोई हल नहीं निकला। हालांकि शाहिद को इस बात का दुख है कि उन्हें तिग्मांशु जैसे डायरेक्टर के साथ काम करने का मौका छोडऩा पड़ रहा है।