उनके पैरोल की अवधि सोमवार को पूरी हो रही है और उन्होंने और एक पखवाड़े के लिए मोहलत की मांग की है। सूत्रों ने कहा कि उनकी अर्जी विचाराधीन है और शीघ्र ही उसपर फैसला लिया जाएगा।
भारतीय जेल कानून के मुताबिक किसी कैदी को एक निर्दिष्ट अवधि के लिए पैरोल पर छोड़ा जाता है।
आपराधिक मामलों के विशेषज्ञ वकील जे.पी. मिश्र ने आईएएनएस को बताया, "यह सजा की समाप्ति या क्षमा नहीं है और यह शुद्ध रूप से व्यक्तिगत मामलों में संबंधित अधिकारियों के निर्देश पर निर्भर है।"
दत्त को 1993 के मुंबई में हुए श्रंखलाबद्ध विस्फोट मामले में भूमिका के लिए सजा दी गई है।
गैरकानूनी हथियार रखने के जुर्म में विशेष टाडा अदालतन ने दत्त को दोषी ठहराया था।
मार्च में सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें दोषी करार दिए जाने के फैसले को बरकरार रखते हुए उनकी सजा छह वर्ष से कम कर पांच वर्ष कर दी।
सुनवाई के दौरान वे करीब डेढ़ वर्ष का समय जेल में गुजार चुके हैं। अभी वे सजा की शेष अवधि काटने के लिए जेल में बंद हैं।