ऐसा नहीं है, मैंने कई नए निर्देशकों के साथ भी काम किया है। लेकिन जब यह उम्मीद के मुताबिक हो जाता है तो आपको अपने आप को अलग करना पड़ता है।
आपक फ़िल्मी पार्टीज़ में दिखाई क्यों नहीं देते?
मैं शराब नहीं पीता और बड़ी मुश्किल से मेलजोल कर पाता हूँ। मैं एक सुबह पसंद करने वाला व्यक्ति हूँ। मैं सुबह सूरज निकलने से पहले उठता हूँ। अगर मुझे रात में शूट ना करना पड़े तो। मैं अपनी दिनचर्या का नियमित रूप से पालन करता हूँ। जिसमें सबसे पहले मेरा वर्कआउट आता है।
क्या आपका बेटा रॉकी (करण देओल) भी जल्द ही फिल्मों में शुरुआत करने वाला है?
अंततः वह करेगा ही लेकिन पहले कुछ एक साल उसे सीखना है। वह अभी सिर्फ 22 साल का है, और अभिनय ऐसा नहीं है, जिसे वह एक या दो दिनों में सिख सके।
क्या आप नकरात्मक अभिनय करने के लिए तैयार है?
मेरे ख्याल से मेरे दर्शक मुझे नकरात्मक किरदार में देखना पसंद नहीं करेंगे। मुझे अभी तक ऐसे किरदारों का प्रस्ताव भी नहीं आया है। मेरी छवि बहुत सकारात्मक है।
क्या डर में आपको नकारात्मक किरदार का प्रस्ताव नहीं दिया गया था?
नहीं! इस फिल्म में शाहरुख खान की भूमिका भी नकारात्मक नहीं होनी चाहिए थी। लेकिन मैं निर्देशकों और लेखकों की बहुत इज्जत करता हूँ। मैं फिल्म का हीरो था और फिर एक दिन मुझे बताया गया कि नकारात्मक व्यक्ति के पीछे भी एक कहानी होती है कि वह नकारात्मक कैसे बनता है।
क्या आपको लगता है, कि परिस्थतियाँ अपने चरम पर पहुंच गई है?
देश के लिए हम सभी समान रूप से जिम्मेदार है। क्या हम घोटालों और भ्रष्टाचार से थक नहीं गये हैं? हमे अपने आप में भी एक बदलाव लाने की जरुरत है।
क्या आपको लगता है, कि हस्तियां अहम् किरदार अदा कर सकती है।
आज कल हर कोई मीडिया को अपनी इमेज बनाने का प्रस्ताव दे रहा है। मैं चैरिटी इवेंट्स को हमेशा मना करता रहता हूँ। मैं यह नहीं कर सकता। अगर मैं चैरिटी करना चाहूँगा तो मैं 100 लोगों को गवाह के तौर पर इवेंट में नहीं बुलाऊंगा।
क्या आपको लगता है महिलाओं के लिए सुरक्षा की कमी आज का सबसे अहम मुद्दा है?
यह सभी कुछ उस पर निर्भर करता है, जो सरकार हमारे द्वारा चुनी गई है। सिनेमा इसका सबसे अंतिम तरीका है। क्योंकि हर चीज सिनेमा के द्वारा दिखाई नहीं जा सकती। हम देखते है कि आज कल की ज्यादातर ऐसी फ़िल्में होती है, जिन्हें देखने जाते समय दिमाग घर रख कर जाना पड़ता है।
क्या आप भविष्य में राजनीति में भी सक्रीय होंगे?
नहीं, ना ही तो मैं जा सकता हूँ, और ना ही जाना चाहता हूँ और अगर में जाता हूँ, तो मैं देश का प्रधान मंत्री बनकर देश का सभी कुछ ठीक करना शुरू कर दूंगा। वास्तव में कोई फायदा नहीं हैं, "हजारों के बीच में एक जान फंस जाती है। मेरे डैड ने राजीति को जॉइन किया लेकिन वह कुछ कर नहीं सके। मेरे डैड बहुत तंग आ गये थे। क्योंकि वह आपको आपकी छवि के लिए प्रयोग करते है, और इसमें ईमानदार रह कर गुजारा करना बहुत मुश्किल है।
अपने आने वाले प्रोजेक्ट्स के बारे में बताइये?
मैं फिलहाल 'सिंह साहब द ग्रेट' और 'आई लव-न्यू इयर' दो फ़िल्में कर रहा हूँ। हालाँकि मुझे एक दो रियलिटी शो का भी प्रस्ताव आया था। लेकिन मैं उन्हें करने का शौकीन नहीं हूँ। मैं एक स्टंट पर आधारित शो कर रहा था जिसे बाद में बंद कर दिया गया। मुझे लगता है कि इन रियलिटी शो में बिलकुल भी सच्चाई नहीं होती। इसके अलावा मेरे पास जे पी दत्त की एक युद्ध पर आधारित फिल्म है। जिसमें 1971 के युद्ध के आखिरी तीन दिनों का वर्णन किया जाएगा। वहीं 'घायल-2' शुरू हो चुकी है। जिसका हमने एक प्रोमो भी शूट किया था लेकिन बाद में उसे प्रदर्शित नहीं किया जा सका। इसीलिए हमें सबकुछ दोबारा से शुरू करना पड़ेगा। इस फिल्म की पेशकश बहुत ज्यादा है।