सामी ने कहा, "पहली बात तो यह है कि मेरे साथ सख्ती नहीं बरती गई। उनकी पूछताछ बेहद आत्मीय और सौहार्द्रपूर्ण थी। हां, यह बात सच है कि पूछताछ में लंबा समय लगा था, वह इसलिए कि कुछ कागजात संबंधी काम थे और कुछ जांच होनी थी। मैं अपने सभी कागजातों के साथ वहां गया था।"
उन्होंने आगे कहा, "मुझे यह कहना है कि समीर वानखेड़े (उपायुक्त, सेवा कर विभाग) बेहद विनम्र, सभ्य और सतर्क अधिकारी हैं। मुझे वहां तनाव या दबाव जैसा कुछ महसूस नहीं हुआ। पता नहीं ये ड्रामा और बेहोश होने का नाटक वाली बात कहां से पैदा हो गई।"
सामी ने कहा कि सेवा कर अधिकारियों के साथ उनकी बैठक में अंदर क्या बातें हुईं, उसकी जानकारी कैसे और कहां से बाहर आ सकती है। उन्होंने कहा, "यह एक बंद कमरे में गुप्त सरकारी बैठक थी। कोई पत्रकार कैसे जान सकता है कि अंदर क्या हुआ, जब तक कि अंदर से कोई उसे यह न बताए। और इस मामले में तो जाहिर है ऐसा कुछ नहीं हुआ जो समीर वानखेड़े के साथ मेरी बैठक के बारे में अफवाह फैलाई गई।"
सामी ने कहा कि बुधवार को जब उन्होंने खबर पढ़ी तो हैरान हो गए कि क्या यह सब उनके बारे में है। ब्रिटेन में जन्मे सामी ने कहा, "मैं बेहोश हो सकता हूं, गिड़गिड़ा सकता हूं कि संजय गुप्ता की फिल्म के अलावा मेरे पास कोई काम नहीं है। पर यदि मेरे पास काम नहीं है तो मैं यहां भारत में क्या कर रहा हूं, दूसरी बात कर चुकाने की बात पर गिड़गिड़ाना मेरे बारे में अजीब बात है। जो लोग मुझे जानते है, समझते हैं, उन्हें तो इस बात पर हंसी ही आ रही है।"
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से यहां मुझे न जानने वाले ज्यादा है, जिन्होंने यह झूठी खबर पढ़ी और उन्हें लगा कि मैं इतना कमजोर इंसान हूं।