फिल्मकार राम गोपाल वर्मा विवादास्पद मुद्दों पर खामोश रहने वालों में से नहीं हैं। अब उन्होंने सिनेमाघरों में दिखाए जाने वाले तंबाकू निषेध विज्ञापनों व उनके औचित्य पर उंगली उठाई है। वर्मा ने ट्विटर पर लिखा, "दो घंटे की फिल्म देखने आने वाले लोग सभी परेशानियां भूलना चाहते हैं। लेकिन सिनेमाघरों में फिल्म दिखाए जाने के दौरान उन्हें फेफड़ों और मुंह में होने वाली बीमारियों के विकृत विज्ञापनों से दबा दिया जाता है। मैंने बचपन से लाखों धूम्रपान निषेध अभियान देखे हैं, लेकिन इन्हें देखकर किसी को धूम्रपान छोड़ते आज तक नहीं देखा।"
वर्मा ने कहा, "ऋतिक और कैटरीना को देखने के लिए पैसा खर्च करने वाले दर्शक फेफड़ों और मुंह की बीमारियों के बेढंगे विज्ञापन क्यों देखें?"
भारतीय कानून के मुताबिक, फिल्मों और टीवी पर धूम्रपान के दृश्य दिखाते समय तंबाकू से होने वाले नुकसान के प्रति एक चेतावनी दिखानी होगी। यही नहीं सिनेमाघरों में फिल्म के प्रदर्शन से पूर्व और फिल्म अंतराल के दौरान भी एक धूम्रपान निषेध विज्ञापन दिखाना होगा।
अपनी फिल्म 'सत्या 2' के प्रदर्शन की तैयारी कर रहे वर्मा ने कहा, "अगर सरकार का उद्देश्य धूम्रपान के खतरों के प्रति मूर्खो को शिक्षित करना है तो सिर्फ धूम्रपान ही क्यों? अन्य बुराइयां को क्यों नजरअंदाज करते हैं?"
Thursday, November 07, 2013 16:28 IST