राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता कंगना को मन की बात कह देने के लिए जाना जाता है। पुरुष अभिनेता किस तरह सारी सुर्खियां बटोरी लेते हैं, इस प्रश्न का जवाब कंगना ने खुलकर दिया।
आईएएनएस के साथ हुए एक साक्षात्कार में कंगना ने कहा, "ऐसा नहीं है कि अगर 'चेन्नई एक्सप्रेस' ने अच्छा काम किया है तो यह सिर्फ शाहरुख के कारण है। इसमें दीपिका पादुकोण का भी योगदान है।"
26 वर्षीया कंगना आगे कहती हैं, "श्रेय तो भूल ही जाइए, वे (पुरुष कलाकार) सारी राशि भी ले लेते हैं। जितना पुरुष कलाकारों को मिलता है, हमें उसका तिहाई भुगतान भी नहीं किया जाता।"
बॉलीवुड के ए-सूची पुरुष कलाकार एक फिल्म के लिए 30 से 40 करोड़ रुपये लेते हैं, जबकि एक शीर्ष दर्जे की अभिनेत्री को एक फिल्म के लिए लगभग आठ करोड़ रुपये ही मिलते है। दोनों में बहुत बड़ी असमानता है।
आने वाली महिलाप्रधान फिल्म 'क्वीन' का उदाहरण देते हुए कंगना ने बताया कि भले ही फिल्म 300 करोड़ की बने, लेकिन फिर भी उनका पारिश्रमिक उनके समकक्ष अभिनेताओं के बराबर नहीं है।
उन्होंने कहा, "जब हमें भुगतान करने की बात आती है तो वे (फिल्मकार) नहीं करना चाहेंगे, सिर्फ इसलिए क्योंकि मैं एक लड़की हूं। यह बहुत गलत है।"
कंगना कहती हैं, "मुझे लगता है कि उद्योग की महिलाओं को उस स्थिति तक पहुंचाने की जिम्मेदारी हमारी पीढ़ी की है, जहां उन्हें न सिर्फ हर तरह से सम्मान मिले बल्कि हर तरह से उनका और उनके करियर ग्राफ का भी सम्मान होना चाहिए।"
कंगना गैर-फिल्मी पृष्ठभूमि से आई हैं। इसके बावजूद हिमाचल की इस बाला ने 'गैंग्स्टर- ए लव स्टोरी', 'वो लम्हे' और 'वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई' जैसी फिल्मों में अदाकारी से खुद को साबित किया है। कंगना को 'फैशन' में रैंप मॉडल के किरदार के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला है।
कंगना को लगता है कि अगर फिल्मोद्योग महिलाओं के करियर ग्राफ की प्रशंसा करने में असफल रहता है तो उनके माता-पिता भी ऐसा नहीं कर सकते।
इस समय कंगना अपनी फिल्म 'रज्जो' के प्रचार में व्यस्त हैं। शुक्रवार को प्रदर्शित होने जा रही इस फिल्म में कंगना नाचने वाली लड़की की भूमिका में हैं।