एक सूत्र के अनुसार, "जब हुमा ने अपनी दादी के गहनों का जिक्र किया तो वह इस बात को लेकर निश्चित थी कि उनकी दादी के ये गहने निश्चित तौर पर जंचेंगे और अपना बहुत असर भी छोड़ेंगे।"
कहा जा रहा है कि यह गहने बेहद पारंपरिक और कलात्मक है, जो आजकल इतनी आसानी से नहीं मिलती।