फिल्मकार संजय गुप्ता अब लेखक बनने जा रहे हैं। वह उन लघु कहानियों को लिखने में व्यस्त हैं जिन्हें अपनी फिल्मों के माध्यम से नहीं कह पाए हैं। गुप्ता ने वर्ष 2008 में अपनी फिल्म कंपनी, व्हाइट फेदर फिल्म्स के तले फिल्म 'दस कहानियां' बनाई थी।
'कांटे', 'जिंदा' और 'शूटआउट एट वडाला' सरीखी फिल्में बनाने वाले गुप्ता ने एक बयान में कहा, "मैंने प्रथम तीन कहानियां लिख ली हैं और सच बताऊं तो इस काम में बड़ा आनंद आ रहा है।"
उन्होंने कहा, "मेरा सिनेमा गूढ़ है, लेकिन मैं पूरे होशोहवास में इससे आगे बढ़ रहा हूं और अब अपनी फिल्मों को भड़कीला बना रहा हूं। इसलिए अपनी सभी गूढ़ कहानियां प्रदर्शित करने के लिए यह प्रत्यक्ष मंच है।"
गुप्ता का मानते हैं, "पर्दे के लिए लिखना आसान काम नहीं है।"
वह अपनी किताब के लिए बड़े प्रकाशनघर से बातचीत कर रहे हैं।
Tuesday, November 19, 2013 13:30 IST