शूजीत सरकार अलग-अलग तरह की संवेदनशील और फिल्मांकन की अलग शैली के लिए जाने जाते हैं। शूजीत अब तक चार फिल्में बना चुके हैं, जिनमें से तीन फिल्में प्रदर्शित हो चुकी हैं।
शूजीत की 2005 में आई पहली फिल्म 'यहां' कश्मीर की पृष्ठभूमि में एक प्रेमकथा पर आधारित थी, वहीं अमिताभ बच्चन अभिनीत उनकी दूसरी फिल्म 'शूबाइट' 60 साल के व्यक्ति की कहानी है जो अपने अस्तित्व की खोज में निकला है।
शूजीत ने 2012 में अपनी तीसरी फिल्म 'विक्की डोनर' बनाई जो स्पर्म दान जैसे गंभीर विषय पर हल्के-फुल्के अंदाज में बनाई गई थी। फिल्म को दर्शकों और समीक्षकों की काफी सराहना मिली। उसके बाद आई 1980 की पृष्ठभूमि में श्रीलंका संघर्ष और युद्ध आधारित फिल्म 'मद्रास कैफे' भी प्रशंसा बटोरने में कामयाब रही।
शूजीत ने एक साक्षात्कार में फिल्मों की अपनी पसंद के बारे में बात करते हुए कहा, "मैं कम बजट वाली फिल्में बनाने में यकीन रखता हूं। बहुत सारे नर्तकों पर पैसे खर्च करने में मेरा विश्वास नहीं है।"
शूजीत ने कहा, "मैं अच्छी फिल्में बनाने में यकीन करता हूं, पर इसका मतलब यह नहीं है कि आप दूसरी फिल्में नहीं बना सकते। 'दबंग' और 'क्रिश' भी आप बना सकते हैं, लेकिन जैसी फिल्में मैं बनाना पसंद करता हूं वह इंफोटेंमेंट (मनोरंजन एवं शिक्षा) फिल्में हैं। 'दबंग' और 'क्रिश' बनाने वाला फिल्मकार मैं नहीं हूं।"
उन्होंने कहा कि उनकी फिल्में दो घंटों तक दर्शकों को बांधे रखती हैं और सिनेमाघर से निकलकर भी दर्शक अपने साथ कुछ ले जाते हैं। इससे उन्हें खुशी मिलती है। उन्होंने कहा, "यदि आप सिनेमाघर से निकलकर मेरे फिल्म के बारे सोचते हुए घर जाते हैं तो मुझे खुशी होती है।"