पेश हैं उनसे उनकी फ़िल्म के बारे में बातचीत के कुछ अंश-
'बुलट राजा' में मजेदार क्या देखा आपने?
मुझे लगता है कि मैं हमेशा से ही एक माफिया के तौर पर हिटमैन की तरह एक रफ एंड टफ किरदार निभाना चाहता था। लेकिन मुझे कभी इस तरह के किरदार करने का मौका ही मिल पाया था। इसके लिए ना ही तो मुझे अच्छा माहोल मिला और ना ही अच्छी फ़िल्म। मुझे पान सिंह तोमर बहुत पसंद है और साथ ही तिग्मांशु धुलिया की फ़िल्में भी। मैं इसका एक भाग बनना चाहता था, और मैंने महसूस किया कि मैं कुछ नया करूँगा। यह एक नयी उम्र का सिनेमा है और मैं इसका भाग बनना चाहता हूँ।
क्या आपने फ़िल्म में भारी एक्शन सीन किये है?
आज कल दक्षिणी तर्ज पर लार्जर-देन-लाइफ एक्शन का चलन है। जिसकी अपनी एक जगह है लेकिन हम कुछ अलग करना चाहते थे। साथ ही यहाँ आज कल पाश्चात्य एक्शन का भी चलन है, जिसे मैंने 'रेस' में किया था। यह एक वास्तविक एक्शन के जैसा होता है और साथ ही मैं यह भी कहना चाहूंगा कि एक्शन निर्देशक परवेज और तबरेज ने बहुत ही कठिन मेहनत की है। उनके पास एक्शन की कच्ची शैली होती है और जो शारीर की मांग करती है। इनमें से कुछ किरदारों के लिए आपको हद से ज्यादा फिट होना पड़ता है।
अब आप अपने 40 वें साल में है, तो क्या शरीर इसका विरोध नहीं करता?
करता है, और चोट भी लगती है। वैसे यह एक फन है, लेकिन 40 में आप अपने करियर के चरम पर होते हो। यह एक शीर्ष वक्त होता है, अगर आप सोते नहीं है और व्यायाम भी नहीं करते और ज्यादा पीते भी नहीं हैं, तो हर एक चीज अपना प्रभाव रखती है। अगर आपको एक गेट के ऊपर से कूदने की जरुरत है तो आप सीधे बिस्तर से आ कर इसे नहीं कर सकते। आपको हर हफ्ते फिट रहना पड़ता है। यह बहुत खतरनाक होता है और यहाँ अपनी हड्डिया तुड़वाने में भी कोई मजा नहीं है।इसीलिए नमक के पानी में खूब सारा नहाना, चोट के निशान और दर्द इनमें बहुत मजा है।
तो क्या आप घायल हो गये थे?
हाँ, मैंने लगातार एक्शन किया जिस से थोड़ी सी दुर्घटना की आशंका थी। मैंने अपनी कोहनी को घायल कर लिया था और जिसे ठीक होने में पूरे तीन हफ्ते का समय लगा। जिसके बाद मैं शर्ट नहीं उतार सकता था और किसी भी तरह का हाथ का फैलाव मेरे लिए सम्भव नहीं था। इसके बाद इसका नतीजा यह हुआ कि मैंने पूरी फ़िल्म में ध्यान रखा। लखनऊ की गर्मी और धूल में मैं पूरी फ़िल्म के शूट के दौरान यही सोचता रहा कि मैं कैसे सब्र करूँ यह एक एलए पर आधारित प्रेम कहानी है। लेकिन क्योंकि मैं खुद भी इस तरह के किरदार को करना चाहता था इसलिय। मैं इसे लेकर बहुत खुश हूँ। क्योंकि मैं उन बिगड़ैलों में से नहीं हूँ जो सिर्फ यूरोप में ही रहना चाहता है। मैं ग्रामीण और देहाती गढ़ों में जाने के लिए बहुत खुश हूँ।
राजा मिश्रा एक तुनकमिजाज चरित्र है, क्या आपको लगता है कि यह आपके वास्तविक जीवन से मेल खाता है?
यह मेरे लिए नहीं लिखा गया था। लेकिन अब मैं इसमें हूँ। मुझे लगता है कि अच्छे डाइट प्लैन के चलते अब मैं पहले से ज्यादा ठीक हो गया हूँ। मुझे लगता हैं कि दुर्भाग्य से मुझे ये मेरी माँ से अनुवांशिक तौर पर मिला है। आप मुझे पूरी तरह से शांत स्वभाव का नहीं कह सकते। लेकिन मैं अपने आप को पसंद करता हूँ और मुझे लगता है कि यह एक आम बात है। मैं केवल तभी चिढ़ता हूँ जब चिढ़ाने वाली चीजें होती है। मैं अच्छे से काम करता हूँ लेकिन मैं थोडा सा अनियमित हूँ। मैं वास्तविक जीवन में सूरज बड़जात्या की फ़िल्म का चरित्र नहीं हूँ। जितना कि मैं उन्हें प्रेम करता हूँ।
क्या आप आपकी फ़िल्म रिलीज़ होने के बाद हॉलिडे मनाने जाएंगे?
मेरे पास बहुत काम है। मैं फ़िल्म के रिलीज़ होने के दिन ही कुछ दिनों के लिए दो दिनों के ट्रिप पर यूरोप जा रहा हूँ। मैने रोमानियां में एक कमिटमेंट किया हुआ हैI मैं वापिस आकर साजिद खान की फ़िल्म की शूटिंग करूँगा। मैं क्रिसमस के बाद हॉलिडे पर जाऊँगा।
करीना की फ़िल्म पिछले हफ्ते रिलीज हुई है और आपकी अगले हफ्ते रिलीज़ हो रही है। किसे अपनी फ़िल्म की ज्यादा चिंता थी?
मुझे लगता है कि पहले उसे और फिर मुझे। लेकिन मुझे लगता नहीं है कि वह नर्वस थी। वह हमेशा से करने और फिर चाहने के लिए जानी जाती है। मैं भी उसके लिए थोडा चिंतित था। पिछले कुछ दिनों से मैं कुछ ज्यादा ही व्यस्त हूँ और मेरे पास हम दोनों के लिए टाइम नहीं है। क्योंकि मैं अपनी फ़िल्म के प्रोमोशन में लगा हुआ था। मुझे याद है कि मैं कितना व्यस्त था लेकिन हमेशा के लिए कुछ भी नहीं बचता।