उन्होंने स्वीकार किया कि वह अब भी दिलीप के साथ काम करने का इंतजार कर रही हैं।
आशा ने अभिनेता शम्मी कपूर के साथ 'दिल देके देखो' और 'तीसरी मंजिल' में, तो देव आनंद के साथ 'जब प्यार किसी से होता है' और राजेश खन्ना के साथ 'कटी पतंग' में काम किया है। लेकिन दिलीप कुमार के साथ काम करने का मौका उन्हें अब तक नहीं मिला है।
साठ और सत्तर के दशक की नामचीन अभिनेत्री आशा पारेख ने एक साक्षात्कार में आईएएनएस से कहा, "मैं सचमुच यूसुफ साहब (दिलीप कुमार) के साथ काम करना चाहती हूं। यह मेरी ख्वाहिश है और मुझे इसके पूरे होने का इंतजार है।"
दिलीप कुमार हालांकि अब 90 साल के हो चुके हैं और 1998 में आई फिल्म 'किला' के बाद उन्होंने फिल्मों से संन्यास ले लिया है, लेकिन आशा को अब भी उम्मीद है कि एक न एक बार उनके साथ काम करने का मौका जरूर मिलेगा।
पद्मश्री से सम्मानित आशा पारेख ने कहा, "यदि मुझे मौका मिलता है तो मैं झट से राजी हो जाऊंगी। यही एक बात है जिसका मुझे शिद्दत से इंतजार है।"
मीडिया में खबरें थीं कि दिलीप और आशा आपसी द्वेष के कारण कभी एक साथ किसी फिल्म में नहीं आए, लेकिन आशा ने इन खबरों का खंडन किया और कहा कि यह सब मीडिया की कपोल कल्पना मात्र है।
अपने समय की बेहतरीन नृत्यांगना रह चुकीं आशा पारेख बॉलीवुड में आए बदलाव से खुश हैं, लेकिन आजकल की फिल्मों में बढ़ते आइटम नम्बरों से खुश नहीं हैं।
आशा ने कहा कि हिंदी सिनेमा में एक जो बात नहीं बदली है, वह है मुख्य अभिनेत्री को फिल्म के मुख्य अभिनेता की अपेक्षा कम मेहनताना दिया जाना।