न्यायमूर्ति बी. डी. अहमद और न्यायमूर्ति विभू बाखरू की खंडपीठ ने एकल सदस्यीय पीठ के आदेश के खिलाफ दायर राजपाल की याचिका पर उनकी सजा स्थगित की।
खंडपीठ ने दिल्ली की कंपनी मुरली प्रोजेक्ट्स को नोटिस जारी कर 22 जून, 2014 तक अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए कहा। कंपनी ने अपने कर्ज उगाही के लिए राजपाल के खिलाफ मुकदमा किया है।
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा, "तीन दिसंबर को दिया गया आदेश अगले आदेश तक स्थगित रहेगा।"
राजपाल जेल में तीन दिन गुजार चुके हैं। निचली अदालत ने राजपाल को बिना इजाजत दिल्ली और भारत से बाहर न जाने की हिदायत दी थी।
उच्च न्यायालय ने कहा कि राजपाल भारत के अंदर अपनी फिल्में पूरी कर सकते हैं, लेकिन "उन्हें देश से बाहर जाने की अनुमति नहीं है।"
न्यायालय ने राजपाल से एक शपथपत्र भी जमा करवाया जिसके अनुसार, राजपाल एक सप्ताह के अंदर मुरली प्रोजेक्ट्स को 20 लाख रुपए अदा करेंगे।