आमिर ने एक वक्तव्य में कहा, "मैं इस फैसले से बेहद निराश हूं। यह मूलभूत मानवाधिकारों के प्रति बेहद असहिष्णु और उसका उल्लंघन प्रतीत होता है। यह शर्मनाक है।"
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 के तहत दो वयस्कों के बीच सहमति से बनाया गया समलैंगिक रिश्ता प्रकृति विरोधी है, तथा अपराध की श्रेणी में आता है।
समलैंगिक मुद्दे पर 'माई ब्रदर निखिल' जैसी फिल्म बनाने वाले निर्देशक ओनिर ने अपने ट्विटर खाते पर लिखा, "भारतीय न्याय प्रणाली के इतिहास का यह एक काला दिन है। मैं सर्वोच्च न्यायालय द्वारा धारा 377 पर दिए गए फैसले से बेहद नाराज हूं।"
बॉलीवुड के जाने माने अभिनेता और निर्माता जॉन अब्राहम ने भी न्यायालय के फैसले पर हताशा व्यक्त की। जॉन ने विशाल भारद्वाज की प्रख्यात लेखक रस्किन बांड के उपन्यास पर आधारित फिल्म '7 खून माफ' में महिलाओं के कपड़े पहनने में रुचि रखने वाले पुरुष का किरदार निभाया है।