अपने असामान्य रूप के बावजूद नसीर ने व्यावसायिक के साथ ही समानांतर फिल्मों में भी अपनी पहचान बनाई है।
नसीर ने कहा, "मानसिकता नहीं बदली है। दर्शकों ने हमेशा ही अच्छा अभिनय सराहा है। अगर रूप बदलने वाले लोगों को भूमिकाएं मिल रही हैं तो उसका श्रेय बच्चन साहब को जाता है। उन्हें भी करियर की शुरुआत में गैर पारंपरिक रूप वाला कलाकार कहा गया था और अब कुछ लोग कहते हैं कि कितने आकर्षक आदमी हैं।"
पद्मश्री और पद्मभूषण अवार्डी यह अभिनेता हाल में बॉक्स ऑफिस की कुछ कमाऊ फिल्मों का हिस्सा रह चुके हैं।
उन्होंने कहा, "व्यावसायिक हिंदी फिल्मों में गैर पारंपरिक रूप वाले अभिनेताओं को स्वीकार्य बनाने में माननीय बच्चन का बहुत बड़ा योगदान है।"
एक साक्षात्कार में नसीरुद्दीन ने आईएएनएस को बताया, मेरे साथ बहुत सी ऐसी चीजें हुईं जो अन्य अभिनेताओं के साथ नहीं हुईं। जैसे कि 'मैं हूं ना', 'क्रिश', 'ए वेंज्डे', 'मानसून वेडिंग' और 'इश्किया' सरीखी कुछ अतिसफल फिल्मों का हिस्सा रहने के बावजूद मैं अभी भी फिल्मों की कमाई कराने वाला अभिनेता नहीं हूं।"
फिलहाल, अपनी फिल्म 'डेढ़ इश्किया' का प्रचार कर रहे नसीरुद्दीन स्वीकारते हैं कि उन्हें निर्देशक अभिषेक चौबे के साथ काम करने में मजा आता है।
उन्होंने कहा, "अभिषेक अभिनेताओं द्वारा दिए जाने वाले सुझावों को लेकर बहुत खुले हुए हैं। वह कलाकारों की भागीदारी को प्रोत्साहित करना पसंद करते हैं और वह अरशद वारसी और मुझे बहुत पसंद करते हैं। मुझे उनके साथ काम करने में मजा आता है।"