चिकित्सक ने कहा कि तबीयत बिगड़ने के बाद सुचित्रा सेन को गहन चिकित्सा कक्ष में दो दिन पहले वेंटिलेटर पर रखा गया था।
रविवार को ताजा बुलेटिन में कहा गया है कि शुक्रवार के मुकाबले उनकी सेहत मामूली सुधार हुआ है लेकिन इस पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।
कोलकाता के बेले व्यू क्लीनिक में उनके स्वास्थ्य की निगरानी के लिए सात चिकित्सकों की टीम बनाई गई है। इस टीम के सदस्य डाक्टर सुब्रत मैत्रा ने कहा, "चूंकि उनके स्वास्थ्य मानक ऊपर-नीचे हो रहे हैं। ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि वह खतरे से बाहर हैं।"
बुलेटिन में कहा गया कि सुचित्रा की सांस की तकलीफ अब पहले से कम हुई है, लेकिन अब भी उन्हें लगातार चिकित्सकीय निगरानी में रखने की जरूरत है।
इससे पहले विशेषज्ञों की टीम के एक सदस्य सुबीर मंडल ने आईएएनएस को बताया, "उनके दिल की धड़कन और रक्तचाप सामान्य हैं। जांच में बाकी सभी परिणाम संतोषजनक पाए गए हैं।"
सुचित्रा की सांस की तकलीफ शुक्रवार को अचानक बढ़ गई थी और उन्हें ऑक्सीजन के सहारे वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। हालांकि उनकी तबीयत में अगले दिन ही सुधार देखा गया, लेकिन सांस लेने में हो रही परेशानी की वजह से अभी भी उन्हें नॉन-इन्वेसिव वेंटिलेटर पर रखा गया है।
सुचित्रा सेन (82) को पिछले कई सालों से घर पर भी एक प्लास्टिक ट्यूब के सहारे सांस लेना पड़ रहा था।
अस्पताल में दो वक्षरोग विशेषज्ञ सुचित्रा के स्वास्थ्य की जांच कर रहे हैं।
सुचित्रा की नातिन और बॉलीवुड अभिनेत्री राइमा सेन ने शनिवार को ट्विटर पर अपनी नानी के बेहतर स्वास्थ्य की कामना करते हुए यह खबर साझा की।
सुचित्रा ने अपने फिल्मी करियर में 'दीप ज्वेले जाइ' 'उत्तर फाल्गुनी', 'सात पाके बंधा' जैसी बेहतरीन बांग्ला फिल्मों में काम किया है। उन्होंने हिंदी फिल्म 'देवदास' 'बंबई का बाबू' व 'ममता' में भी यादगार भूमिका निभाई है।
अभिनेत्री मुनमुन सेन की मां सुचित्रा सेन ने 1978 में अभिनय को अलविदा कह दिया था। काम छोड़ने के बाद से उन्होंने लोगों से मिलना-जुलना कम कर दिया था। वह ज्यादातर अपनी बेटी मुनमुन सेन और नातिन राइमा और रिया सेन से मिलती थीं।